मालदीव के चुनाव में भारत की होगी मुख्य भूमिका

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maldive-electionमालदीव में सितंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव भारत के चुनाव आयोग की देखरेख में होंगे। दरअसल मालदीव के चुनाव आयोग ने भारत के चुनाव आयोग से जिस तरह के सहयोग और सुझाव मांगे है। दरअसल मुद्दा यह है कि मालदीव में राष्ट्रपति और स्थानीय निकायों के चुनाव निष्पक्ष तरीके से कैसे कराए जाएं इस इरादे से मालदीव के चुनाव आयोग ने भारतीय चुनाव आयोग के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया था। बिते दिनों माले गए भारतीय चुनाव अधिकारियों के एक दल ने मालदीव की चुनाव प्रणाली और इसे लागू करने वाली व्यवस्था का अध्ययन किया है। उसमें मिली खामियों और उन्हें दूर कर सुचारू रूप से चुनाव सम्पन्न करवाने की प्रशासनिक व्यवस्था के बारे में अब सिफारिश की जाएगी।

यहां विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, बिते दिनों माले के दौरे पर गए भारतीय चुनाव अधिकारियों से मालदीव के चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया को बेहतर बनाने के बारे में राय मांगी थी। भारतीय दल की अगुवाई भारत के उप चुनाव आयुक्त आलोक शुक्ला और उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी उमेश सिन्हा ने की। इस दल ने राजधानी माले के अलावा मालदीव के कुछ द्वीपों का दौरा कर वहां मतदान केन्द्रों की व्यवस्था के बारे में जानकारी हासिल की।

दोनों देशों के चुनाव आयोगों ने आपसी बैठक में यह भी तय किया है कि मालदीव के चुनावों के दौरान दोनों किस तरह साथ काम कर सकते हैं। भारतीय चुनाव अधिकारियों ने सहयोग के लिए एक रोडमैप पेश किया, जिस पर मालदीव के चुनाव अधिकारी सहमत हो गए। इस रोडमैप के मुताबिक मालदीव का चुनाव आयोग एक नोडल अफसर नियुक्त करेगा, जो भारतीय चुनाव आयोग के साथ तालमेल रखेगा और दोनों चुनाव आयोगों के बीच हुए फैसलों को लागू करवाने के कदम उठाएगा।