स्वतंत्रता दिवस: नरेन्द्र मोदी बनाम मनमोहन सिंह की सियासत

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modi vs manmohanकुछ ही महीने बाकी है लोकसभा चुनाव को और इसको लेकर सियासत भी साफ़ देखने और सुनने को मिला रहा है। आज स्वतंत्रता दिवस पर भी इसका प्रभाव देखने को मिला। इसकी गूंज दिल्ली के लाल किला से लेकर भुज के लालन कॉलेज तक साफ़ सुनाई दे रही थी।

नरेंद्र मोदी ने बुधवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ललकारा था की स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लोग दो भाषण सुनेंगे और फिर उसकी तुलना होगी। हुआ भी कुछ ऐसा ही, पहले पीएम ने लाल किला की प्राचीर से देश को संबोधित किया। इसके कुछ देर बाद ही मोदी ने भुज के लालन कॉलेज से पीएम के भाषण की खूब धज्जियां उड़ाई।

नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि राष्ट्र बदलाव के लिए बेचैन है। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर तगड़ा हमला बोलते हुए उन्हें ज्वलंत मुद्दों पर सार्वजनिक बहस के लिए ललकारा और साथ ही उन पर पाकिस्तान के प्रति कमजोर रुख अपनाने का आरोप लगाया।

मोदी ने भुज में लालन कॉलेज परिसर में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में अपने भाषण के दौरान यह बातें कहीं। मोदी ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तथा आज दिए गए प्रधानमंत्री के भाषणों के बीच तुलना की और अपने भाषण में पाकिस्तान के बारे में कड़ा रुख नहीं अपनाने के लिए मनमोहन सिंह की आलोचना की।

मनमोहन सिंह ने अपने भाषण में यूपीए की उपलब्धियां गिनाई और कहा कि अभी कुछ ही फासला तय किया है लेकिन मंजिल अभी बहुत दूर है। वहीं, मोदी का स्वतंत्रता दिवस संबोधन पूरी तरह से राजनीतिक था। जिसमें मोदी ने भ्रष्टाचारए गरीबी और महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर पीएम और कांग्रेस पार्टी पर सीधा हमला बोला।

नरेंद्र मोदी ने पीएम के साथ सोनिया गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने रॉबर्ट वाड्रा का नाम लिए बिना कहा कि एक वक्त था जब देश में भ्रष्टाचार पर सीरियल बनते थे, फिर मामा और भांजे पर सीरियल बना। लेकिन अब जमाना सासए दामाद और बेटे का है।

दिल्ली में एक और प्रधानमंत्री का भाषण 35 मिनट का था तो वाही दूसरी तरफ मोदी का भाषण करीबन 55 मिनट तक चला। पीएम के भाषण में एक पद पर बैठे शख्स की झलक दिखाई दे रही थी तो मोदी के भाषण में भावी पीएम की ललक दिखाई दे रही थी।