जानिये, अभिनंदन को छोड़ने में भी पाकिस्तान ने क्यों की देरी

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नई दिल्ली : भारत सरकार के सख्त रुख और अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे घुटने टेकने को मजबूर हुआ पाकिस्तान विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को छोड़ने में आखिर तक पैंतरेबाजी से बाज नहीं आया। पाक ने पहले अभिनंदन को विमान से भेजने के भारत के अनुरोध को ठुकराया और अदालत के जरिए भी उनकी वतन वापसी को टालने की कोशिश की। अब हवाई हमले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने की धमकी भी दी है।

सूत्रों ने बताया कि भारत ने अभिनंदन को अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए सड़क मार्ग की बजाय हवाई मार्ग से भेजने का अनुरोध किया था। भारत अभिनंदन को लेने के लिए स्पेशल फ्लेन भेजने की योजना में था। लेकिन पाकिस्तान ने गुरुवार की देर रात को बताया कि उन्हें अटारी-वाघा बॉर्डर से ही भेजा जाएगा, हवाई मार्ग से नहीं। इसकी वजह से अभिनंदन की वतन वापसी में देरी हुई।
रिहाई रोकने के लिए अपील की थी

पाकिस्तान से 60 घंटे बाद वतन लौटे अभिनंदन

भारत के विंग कमांडर की रिहाई को अदालत के जरिए भी रोकने की कोशिश की गई। पाकिस्तान के एक नागरिक ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट मे याचिका दाखिल कर अभिनंदन की तुरंत रिहाई के इमरान खान सरकार के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी। लेकिन हाई कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी।
‘इको-टेरोरिज्म’ की शिकायत करेगा पाक

अब तक बालाकोट में भारत के हवाई हमले से इन्कार करने वाला पाकिस्तान अब इस मामले को लेकर संयुक्त राष्ट्र जाएगा। पाकिस्तान के जलवायु परिवर्तन मंत्री मलिक अमीन असलम ने कहा कि भारतीय विमानों ने ‘फॉरेस्ट रिजर्व’ में बमबारी की, जिससे देवदार के पेड़ों को भारी नुकसान पहुंचा है। सरकार भारत की कार्यवाही से पर्यावरण को हुए नुकसान का आकलन कर रही है और उसी के आधार पर संयुक्त राष्ट्र में शिकायत की जाएगी।

गौरतलब है कि भारत ने बालाकोट में हवाई हमला कर जैश ए मुहम्मद के आतंकी कैंप को ध्वस्त कर दिया था, जिसमें तीन सौ से ज्यादा आतंकियों और उनके सरगना के मारे गए थे।