हाई कोर्ट का बड़ा फैसला : भारतीय नागरिकता के लिए विदेशियों के पास पासपोर्ट होना जरूरी नहीं

Like this content? Keep in touch through Facebook

कोलकाता: कलकत्ता हाई कोर्ट ने भारतीय नागरिकता को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा है कि विदेशी नागरिकों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करते समय अपने मूल देश के वैध पासपोर्ट की जरूरत नहीं है। अलबत्ता, उन्हें पासपोर्ट नहीं दिखाने का उचित कारण बताना होगा। कोर्ट ने कहा कि उल्लेखित पासपोर्ट की आवश्यकता को वैकल्पिक माना जाना चाहिए। यदि आवेदनकर्ता संबंधित अधिकारियों को पासपोर्ट पेश करने में सक्षम नहीं होने के वास्तविक कारण से संतुष्ट कर दे तो अधिकारियों के पास उसे छूट देने का अधिकार है।

बिस्मिल्लाह खान अपने पिता के साथ 1973 में भारत आए थे। भारतीय नागरिकता नहीं दिए जाने के कारण उन्होंने हाई कोर्ट में अर्जी दी। उन्होंने दलील दी कि पासपोर्ट की कॉपी जमा करने की अनिवार्य शर्त होने के कारण वे नागरिकता के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। उनका कहना था कि उनके पास वैध पासपोर्ट होना संभव नहीं है, क्योंकि उन्होंने संकट के समय भारत में शरण ली थी। केंद्र सरकार ने उनकी इस दलील का विरोध करते हुए कहा कि नागरिकता अधिनियम की धारा 5(1) (सी) के प्रावधानों के अनुसार फॉर्म-3 के तहत आवेदन किया जाना अनिवार्य है।

याचिकाकर्ता के आवेदन के लिए धारा 5(1)(सी) के तहत विचार किया जाना चाहिए। इसपर न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य की पीठ ने 5([1)]([ए)] के नियमों व प्रपत्रों का उल्लेख करते हुए कहा कि यदि आवेदन फॉर्म–3 के जरिये नहीं किया जाता है तो आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा, ऐसे प्रावधान पासपोर्ट की उपलब्धता को अनिवार्य नहीं बनाते हैं।

अदालत ने कहा कि ऐसे प्रावधान को फॉर्म में शामिल किया गया, जिसका अनुपालन आवेदक को करना है, मगर कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि याचिकाकर्ता को पासपोर्ट के विवरणों समेत सभी प्रासंगिक विवरणों को वैध विदेशी पासपोर्ट की प्रति के साथ पेश करना अनिवार्य है। यदि आवेदनकर्ता पासपोर्ट उपलब्ध नहीं कराने के कारणों से संबंधित अधिकारियों को संतुष्ट करने में सक्षम होता है तो ऐसी स्थिति में उन्हें छूट दी जानी चाहिए। पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को नागरिकता नियम–2009 के नियम 11 के अनुसार पासपोर्ट की गैर उपलब्धता के लिए स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने को संबंधित प्राधिकरण के समक्ष आवेदन करने के लिए कहा है।

अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि जब तक कि आवेदक को छूट नहीं दी जाती है, तब तक एक ऐसा व्यक्ति, जिसके पास सभी औपचारिक दस्तावेज हैं और वह लंबे समय से भारत में रह रहा है, भारत के निवासी से शादी भी कर चुका है, लेकिन वह भी भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने में असमर्थ होगा। सॉफ्टवेयर में संशोधन का भी निर्देश हाई कोर्ट ने सॉफ्टवेयर में आवश्यक संशोधन करने का भी निर्देश दिया ताकि पासपोर्ट के साथ या बिना उसके, दोनों ही स्थिति में ऑनलाइन आवेदन किया जा सके। पासपोर्ट पेश नहीं करने की स्थिति में विस्तृत कारण भी दिया जा सके।