स्वास्थ्य मंत्रालय अब नहीं खरीदेगा कोरोना वैक्सीन, करोड़ों रुपये का फंड भी लौटाया, जानिये इस फैसले के पीछे की वजह

Like this content? Keep in touch through Facebook

देश में कोरोना के घटते केस और टीकाकरण के बढ़ते पर्सेंटेज को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने तय किया है कि अब वह और कोविड-19 टीके नहीं खरीदेगा. यही नहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीकाकरण के लिए आवंटित 4,237 करोड़ रुपये वित्त मंत्रालय को लौटा भी दिए हैं. सूत्रों के अनुसार, 1.8 करोड़ से अधिक टीके अब भी सरकार के स्टॉक में मौजूद हैं, जो छह महीने तक टीकाकरण अभियान चलाने के लिहाज से पर्याप्त हैं.

जानिये, क्यों लिया है यह फैसला

दरअसल, कोविड-19 के केस घटने की वजह से टीका लगवाने वालों की संख्या में कमी आई है. अब टीकाकरण को लेकर लोग उत्साह भी नहीं दिखा रहे हैं. इस साल सरकार ने सभी वयस्कों को मुफ्त में बूस्टर खुराक देने के लिए अमृत महोत्सव नाम से 75 दिवसीय कोविड टीकाकरण अभियान चलाया, लेकिन टीके की अधिक मांग नहीं दिखी. इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकार के पास काफी मात्रा में वैक्सीन के स्टॉक पड़े हुए हैं. इनमें से कई तो कुछ महीने बाद एक्सपायर भी हो जाएंगे. इन सब वजहों को देखते हुए ही सरकार ने अब वैक्सीन न खरीदने का फैसला किया है. सरकार का कहना है कि 6 महीने बाद हालात के हिसाब से आगे का फैसला किया जाएगा.

कितनों को लगी है अभी तक वैक्सीन

केंद्र सरकार ने पिछले साल 16 जनवरी से पूरे देश में टीकाकरण अभियान शुरू किया था. इसके तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सहायता के लिए उन्हें कोविड-19 टीके मुफ्त में मुहैया कराए गए थे. 16 अक्टूबर 2022 तक देश में 219.32 करोड़ से अधिक लोग कोरोना का टीका लगवा चुके थे. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि देश की 98 फीसदी वयस्क आबादी कोविड-19 टीके की कम से कम एक खुराक लगवा चुकी है, जबकि 92 फीसदी लोगों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है. इसके अलावा देश के 15 से 18 साल के 83.7 फीसदी किशोरों को भी टीके की एक खुराक लग चुकी है, जबकि 72 फीसदी किशोर दोनों खुराक लगवा चुके हैं. 12 से 14 वर्ष के वर्ग में 87.3 फीसदी लोगों को पहली खुराक लग चुकी है, जबकि 68.1 फीसदी को टीके की दोनों खुराकें लग चुकी हैं. 18 वर्ष और इससे अधिक उम्र के पात्र लोगों में से 27 फीसदी लोग बूस्टर खुराक लगवा चुके हैं.