निरंकुर पुलिस के सामने बगैर पोस्टमार्टम के हुआ मासूम का दाह संस्कार

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uppoliceकानपुर। कानपुर में शनिवार की देर शाम एक परिवार ने अपनी बेटी का दाह संस्कार किया, वो भी बगैर पोस्टमार्टम के। दरअसल ये एक सोसाइड का मामला था, और इसकी सूचना नवाबगंज थाने के पुलिस को बहुत अच्छे से पता था, मगर पुलिस ने पोस्टमार्टम को लेकर कोई रूचि नहीं दिखाई, और लड़की के डेड बॉडी को दाह संस्कार करने की इजाजत दे दी।

कानपुर के चंद्र शेखर कृषि एवं प्रौधोगिकी विश्वविद्यालय के कालोनी में रहने वाली प्रिया की उम्र बारह वर्ष थी, और वो कक्षा आठ में पढ़ती थी, प्रिय ने शनिवार दोपहर में अपने घर में फ़ासी लगा कर सुसाइड कर लिया, और प्रिया ने अपने सुसाइड किये जाने के कारण को एक सुसाइड नोट पर लिख छोड़ा। 

प्रिया के पापा शिव कुमार ने मीडिया को बताया कि उनके तीन बच्चे थे, जिसमे प्रिया से बड़ी एक बहन ग्रेजुवेशन में थी, तो प्रिय से छोटा भाई क्लास एक में पढ़ता था, उनके मुताबिक़ वो जब प्रिया स्कूल से घर लौटी तो वो खुद रूरा गए थे अपने ऑफिस के काम से, बड़ी बहन कॉलेज गयी थी और माँ छोटे भाई को लेने स्कूल, क्योकि जब प्रिया की माँ स्कूल से घर पहुंची तो, दरवाजा अन्दर से बंद नहीं था, और अन्दर वाले कमरे में प्रिया पंखे से लटक कर सुसाइड कर लिया है, प्रिया की माँ ने इसकी सूचना सबसे पहले प्रिया के पापा को दी, फिर मोहल्ले वालो को, फिर ये खबर नवाबगंज थाणे में भी दी गयी, परिजनों की माने तो सूचना के करीब आधे घंटे बाद पुलिस के दो सिपाही घर तो आये मगर ऍम पूरा कर चले गए, फिर दुबारा वो नहीं आये।

इधर मृतक प्रिया के पिता शिव कुमार के अनुसार पुलिस को इस सुसाइड के बारे में तीन से चार बार फोन किया गया मगर पुलिस ने कोई रूचि नहीं दिखाई, एक आखिरीबार प्रिया के पापा ने पुलिस को शाम चार बजे फोन कर अपनी मृतक लड़की के सुसाइड किये जाने की खबर दी, ओ उधर से जबाब मिला कि क्यों पचड़े में पड़ते हो, चुपचाप दाह संस्कार कर दो। इतना सुनने के बाद मृतक प्रिया का दाह संस्कार कर दिया गया,  पुलिस ने पोस्टमार्टम की जहमत नहीं उठाई।

जब इस खबर की जानकारी मीडिया को हुई और जब इस पुरे मामले की जानकारी नवाबगंज थाने के एस ओ से पूछी गयी तो, एस ओ इस सोसाइड होने की जानकारी तो दी, मगर कार्यवाही ना करने के पीछे का कारण बताया कि परिजनों ने कोई लिखित तहरीर नहीं दी थी, जबकि मृतक प्रिया के पिता जी के अनुसार उन्होंने करीब पांच बार थाने में फोन कर अपनी बेटी के सुसाइड किये जाने की सूचना दी थी और सोसाइड नोट की भी बात कही थी, मगर पुलिस नहीं आई। 

प्रिय ने सोसाइड नोट में लिखा था कि आज ( शनिवार ) मेरा अंग्रेजी का पेपर था, जो की खराब हो गया है, इस लिए मै आत्महत्या कर रही हूँ, इसमें किसी का हाथ नहीं है, मेरे सारे घर वाले निर्दोष है, उन्हें कुछ नहीं मालूम “

अब सवाल ये है कि अगर परिजनों के लिखित तहरीर ना मिलने पर एस ओ ने कोई कार्यवाही नहीं की तो फिर उन दोनों पुलिस ने घर में क्या देखा, क्या पुलिस ने सोसाइड नोट नहीं देखी, अगर देखी तो उसने एस ओ को क्या रिपोर्ट दी, जिससे एस ओ घटना स्थल पर जाना तो दूर उसने पोस्टमार्टम तक करवाने की जहमत नहीं उठाई। 

अब सवाल ये है कि क्या प्रिय ने सचमुच फेल होने पर ही सुसाइड किया था, या फिर कुछ और कारण था, ये सारे रहस्य अब प्रिया के जलते चीते के साथ स्वाहा हो गए। मगर निरंकुश पुलिस को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योकि नवाब गंज थाने के रजिस्टर में एक सुसाइड की गिनती कम जो हो गयी, वाह री कानपुर पुलिस।