बिहार में बाढ़ का कहर, 5 नदियां खतरे के निशान से ऊपर

Like this content? Keep in touch through Facebook

पटना : बिहार समेत पूर्वी उत्तरप्रदेश में बारिश-बाढ़ के कारण न केवल लोगों को लाखों-करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है बल्कि लोगों को जान भी गंवानी पड़ रही है। बिहार के पटना में बारिश के बाद बाढ़ की भयावह स्थिति है। हालांकि आसमानी बारिश से तो लोगों को कुछ राहत मिली है, लेकिन बिहार में 5 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। नदियों में पानी बढ़ने से इनसे सटे इलाकों में भयावह स्थिति बन गई है। अभी तक बारिश-बाढ़ से सिर्फ बिहार में 29 लोगों की मौत हो चुकी है।

बिहार में गंगा, पुनपुन और सोन के अलावा बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान में जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। पटना के निकट धनरुआ प्रखंड में कररुआ नदी का जल स्तर भी खतरे के निशान को पार कर गया है। पटना के निकट की 5 नदियां लाल निशान को पार कर गई हैं। इन नदियों में जल स्तर बढ़ने से पटना में जल प्रलय जैसी स्थिति बन गई है।

केंद्रीय जल आयोग की वेबसाइट के अनुसार, पटना में गंगा नदी खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है। पटना में खतरे का निशान 48.6 मीटर है, जबकि फिलहाल गंगा नदी का पानी 49.57 मीटर तक पहुंच चुका है। वेबसाइट के अनुसार, गंगा में जल स्तर में बढ़ोतरी लगातार जारी है।

उफन रही हैं नदियां, टूट रहे हैं बांध : भारी बारिश से छपरा जिले के जलालपुर प्रखंड में सोंधी नदी के पानी के दबाव से लंगड़ी बांध टूट गया। गोपालगंज में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। सिवान में सरयू में पानी काफी बढ़ गया है। बक्सर में गंगा उफान पर है।

मधेपुरा में कोसी का जलस्तर बढ़ा, चौसा व आलमनगर के करीब 2 दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। किशनगंज में बंगाल द्वारा महानंदा व डोक बराज से पानी छोड़े जाने से महानंदा नदी के जल स्तर में कुछ बढ़ोतरी हुई है। कटिहार में गंगा के जल स्तर में लगातार वृद्धि से बाढ़ की भयानक स्थिति बन गई है।

पटना दीघा में खतरे के निशान से 34 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी जबकि गांधीघाट पर इसका जल स्तर लाल निशान से 85 सेंटीमीटर ऊपर है। दीघा में इसका जल स्तर 12 सेंटीमीटर और गांधीघाट में 3 सेंटीमीटर बढ़ा है। पुनपुन में पिछले 24 घंटे में 76 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है, जो खतरे के निशान से 2.34 मीटर ऊपर थी। सोमवार को पटना के निकट बहने वाली नदी कररुआ भी लाल निशान को पार कर गई थी।