AAP रैली में किसान की मौत पर राजनीति

Like this content? Keep in touch through Facebook

नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी की रैली के दौरान जंतर-मंतर पर किसान गजेंद्र सिंह के खुदकुशी करने का मामला और तूल पकड़ता जा रहा है। गजेंद्र के घरवालों ने मौत के लिए आम आदमी पार्टी और दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि उसे खुदकुशी के लिए उकसाया गया होगा।

मालूम हो कि बुधवार को आत्महत्या करने से पहले एक तथाकथित सुसाइड नोट में गजेंद्र ने लिखा था कि पिछले महीने बेमौसम बारिश और ओला-वृष्टि के कारण उसकी फसल बर्बाद हो गई। लेकिन स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि बसावा तहसील में जिसमें गजेंद्र का भी गांव आता है, फसल की बर्बादी 20-25 प्रतिशत के बीच ही है।

खुदकुशी मामले की पड़ताल के लिए क्राइम ब्रांच की टीम गुरुवार सुबह दिल्ली से राजस्थान के दौसा के लिए रवाना हो गई। पुलिस इस बात का पता लगाएगी कि आखिर किन परिस्थतियों में किसान गजेंद्र ने खुदकुशी की।

खुदकुशी करने वाले किसान गजेंद्र का शव राजस्थान के दौसा में उसके गांव नांगल झमरवाड़ा स्थित उसके घर पहुंच गया है, जहां आज उसका अंतिम संस्कार होगा। गजेंद्र का शव पहुंचते ही गांव में मातम पसर गया।

उधर, गजेंद्र के परिजनों ने मौत के लिए आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि उसे खुदकुशी के लिए उकसाया गया होगा। पड़ोसियों का कहना है कि गजेंद्र की मौत की खबर सुनते ही उनके वृद्ध पिता बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े थे।

किसान की आत्महत्या के बाद उसके चाचा जयवीर सिंह ने बताया कि गजेंद्र दिल्ली के मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के संपर्क में था और रैली से पहले सुबह 11 बजे वह मनीष सिसोदिया के घर उनसे मिलने भी गया था। उन्होंने बताया कि फसल बर्बाद हो गई थी और किसी ने सही रिपोर्ट नहीं दी थी। वह यही बात उठाने दिल्ली गया था।

गजेंद्र के चचेरे भाई राजेंद्र सिंह ने कहा, ‘बिजली के खंभे पर चढ़कर बिजली के तार काटे जा सकते हैं, लेकिन पेड़ पर चढ़कर उसे बचाया नहीं जा सकता था। अगर किसी बड़े नेता के घर का कोई मरता, तो क्या रैली वैसे ही चल रही होती? वहां बैठकर उसे उकसाया गया है, तब उसने जान दी है।’

गजेंद्र के अन्य रिश्तेदार गिरधारी सिंह ने बताया कि हमें टीवी पर देखने के बाद पता चला कि गजेंद्र ने आत्महत्या की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि वहां कोई जंगल थोड़े ना था जहां रैली हो रही थी, वहां कोई आदमी उसे बचाने वाला नहीं था?

वहीँ गजेंद्र के रिश्तेदारों का कहना है कि आम आदमी पार्टी की तरफ से अभी कोई मैसेज नहीं आया है, जब रैली में उसे किसी ने नहीं बचाया तो वो फोन क्या करेंगे। एक अन्य रिश्तेदार ने कहा कि उम्मीद लेकर गये थे कि हमारा भला हो। पर्ची इसलिए दी थी कि बोलना है, लेकिन उसे बोलने का मौका नहीं मिला।

आपको बता दे कि गजेंद्र की मौत के विरोध में आज कांग्रेस और बीजेपी की ओर से प्रदर्शन किया जाएगा। जहां एक ओर युवा कांग्रेस की ओर से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन होगा, वहीं बीजेपी की ओर से आईटीओ पर स्थित शहीदी पार्क में प्रदर्शन किया जाएगा।