जानिए मोदी की आर्थिक सर्जिकल स्ट्राइक से कैसे तबाह हुआ पाकिस्तान

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नई दिल्ली : भारत में 500 और 1000 के नोट बंद होने से पाकिस्ता‍न की अर्थ व्य वस्था् पर संकट खड़ा हो गया है। सरकार के साथ-साथ कई लोग पूरी तरह तबाह और बरबाद हो चुके हैं।

दरसअल, तबाह और बरबाद होने वाले वो लोग हैं जो पाकिस्तासन में बैठकर भारत में जाली करेंसी का करोबार करते थे। इसी पैसे का इस्तेामाल आतंकवाद, ड्रग्स और हथियारों की सप्लााई में किया जाता था। रुपयों का ये सारा खेल हवाला के जरिए होता था। लेकिन, आठ नवंबर की रात 12 बजे ये अब 500 और हजार के नोट रद्दी में तब्दीाल हो चुके हैं।

दरसअल, भारत के खिलाफ जाली नोटों का ये कारोबार पाकिस्तारन सरकार की शह पर ही होता है। भारत में आतंकवाद, ड्रग्सा और हथियारों की सप्ला ई के लिए इस्तेामाल होने वाली जाली करेंसी के बदले पाकिस्ताआन सरकार के खाते में कुछ फीसदी रकम जाती है। जो सैकड़ों करोड में होती है। लेकिन, मोदी की आर्थिक सर्जिकल स्ट्रा इक के बाद सबकुछ तबाह हो गया है। जमात-उद-दावा का सरगना हाफिज सईद से लेकर अंडरवर्ल्डी डॉन दाऊद इब्राहिम को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस वक्ता भारत की मौजूदा करेंसी में करीब 400 करोड़ रुपए के नकली नोटों का फ्लो चल रहा था। भारत में ये सारे नकली नोट अंडरवर्ल्डा डॉन दाऊद इब्राहिम ने उतारे थे। यानी एक अनुमान के मुताबिक दाऊद को अभी सीधे-सीधे 400 करोड़ का नुकसान हुआ है।

वहीं सूत्र बताते हैं कि मोदी की आर्थिक सर्जिकल स्ट्रा इक से पहले लश्क र-ए-तैयबा का संस्था पक और जमात-उद-दावा के चीफ हाफिज सईद ने पिछले कुछ महीने में जेहाद के नाम पर करीब 336 करोड़ रुपए जुटाए थे। ये पैसा भारतीय करेंसी में उसके पास आया था। NIA आतंकियों को होने वाली फंडिंग की भी जांच कर रही है। इसी जांच में कुछ इस तरह के भी तथ्यर सामने आए थे कि किस आतंकी संगठन के पास कितना भारतीय पैसा है। इन आतंकियों के पास ये भारतीय रकम 500 और 1000 के नोटों में ही थी। जो मोदी की आर्थिक सर्जिकल स्ट्रा इक के बाद कूड़ा बन गई है। आतंकी संगठन अब इन पैसों का इस्ते माल नहीं कर सकते हैं और ना ही किसी को दे सकते हैं।

इससे पहले भी देखने को मिला है कि भारत में सुरक्षाबलों या फिर पुलिस के साथ मुठभेड में जितने भी पाकिस्ताीनी आतंकी मारे गए हैं उनके पास दस हजार रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक का कैश मिला है। सारी रकम 500 और 10000 के नोट में ही रही है। आतंकवाद में भारतीय करेंसी का ये खेल अब अचानक से बंद हो गया है। जिससे ना सिर्फ आतंकी संगठन, बल्कि पाकिस्ताहन की खुफिया एजेंसी आईएसआई को भी काफी नुकसान हुआ है। नकली नोटों की छपाई से लेकर उसकी सप्लागई तक में आईएसआई और पाकिस्ता न सरकार के खाते में एक हिस्साा जाता था। नकली नोटों के उत्पाीदन में आईएसआई और पाकिस्ताआन केा करीब तीस से चालीस फीसदी तक का मुनाफा होता था। लेकिन, अब मोदी की आर्थिक सर्जिकल स्ट्रा इक के बाद सबके हाथ में कटोरा आ गया है।