दक्षिण चीन सागर में चीनी सेना की तैनाती से कई देशों को खतरा : अमेरिका

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नई दिल्ली: अमेरिकी प्रशांत बेड़े के कमांडर ने मंगलवार को कहा कि विवादास्पद दक्षिण चीन सागर में बीजिंग की आक्रामकता में कोई कमी नहीं आई है और वह रणनीतिक क्षेत्र में दूसरे देशों पर धौंस जमाना जारी रखे हुए है।

एडमिरल जॉन एक्विलिनो भारत की यात्रा पर हैं। उन्होंने नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और अन्य वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों से मुलाकात की। एक्विलिनो ने कहा कि उन्होंने और सिंह ने सहयोग बढ़ाने और सूचना साझा करने को बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की।

एडमिरल जॉन एक्विलिनो ने यहां बातचीत में कहा कि विवादित जल क्षेत्र में चीन की सैन्य तैनाती से कई देशों को खतरा है। उनमें से कई अमेरिका के सहयोगी देश भी हैं। दक्षिण चीन सागर में चीन और कई अन्य देशों के बीच स्प्रैटली द्वीप समूहों पर नियंत्रण को लेकर विवाद है। ताईवान, वियतनाम, फिलीपीन, मलेशिया और ब्रुनेई ने द्वीप समूहों पर अपना दावा पेश किया है।

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने चीन के सैन्य जमावड़े में कोई कमी देखी है? तो एडमिरल एक्विलिनो ने कहा कि मैंने क्षेत्र में देशों पर धौंस जमाए जाने को लगातार देखा है। मैंने द्वीप समूहों या चट्टानों को मानव निर्मित द्वीप समूह में बदलते और सैन्यीकरण होते देखा है जबकि बातचीत रक्षात्मक उद्देश्यों के बारे में है।

उन्होंने कहा कि वे क्षेत्र में सभी देशों (हमारे सहयोगियों व मित्रों) को चुनौती देते हैं और उन्हें धमकाते हैं। लेकिन उन द्वीपों से किसी भी तैनाती को नहीं हटाया गया है। इसलिए मैं कहूंगा कि तैनाती में कोई कमी नहीं आई है और सिर्फ समूचे क्षेत्र में अपने उद्देश्यों को हासिल करने के लिए चीन की ओर से दबाव बढ़ा है। एक्विलिनो ने कहा कि भारत और अमेरिका स्वतंत्र और मुक्त हिन्द-प्रशांत के लिए कार्य करते रहेंगे।