Coronavirus Alert: दूसरा शाहीन बाग़ बने कोलकाता के पार्क सर्कस मैदान पर कोरोना का असर, खाली हो रहा मैदान

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कोलकाता : संशोधित नागरिकता अधिनियम (CAA) को वापस लेने की मांग पर कोलकाता के पार्क सर्कस मैदान में पिछले 71 दिनों से जारी धरने का भविष्य खतरे में पड़ गया है। कोरोना वायरस के डर से मैदान में प्रदर्शनकारियों की संख्या लगातार कम होती जा रही है।

सूत्रों के अनुसार राज्य प्रशासन की सलाह के मुताबिक आंदोलनकारियों के बीच मास्क और सैनिटाइजर वितरित किए जा रहे हैं। इसके अलावा बचाव संबंधित अन्य उपाय भी किए गए हैं। लेकिन डर के कारण धीरे-धीरे आंदोलन में शामिल महिलाएं घर लौट रही हैं। मंगलवार को इस आंदोलन का 71वां दिन है। नागरिकता अधिनियम के खिलाफ एक तरफ दिल्ली के शाहीनबाग में अल्पसंख्यक महिलाएं धरने पर बैठी थीं तो दूसरी तरफ कोलकाता के अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र पार्क सर्कस के मैदान में भी महिलाएं सड़कों पर आकर धरने पर बैठ गई थीं। तब से लेकर आज तक उनका प्रदर्शन जारी है।

इस धरना प्रदर्शन के आयोजकों में से एक असमत जमील ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा था कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए जरूरी कदम उठाए गए हैं। आंदोलन खत्म नहीं किया जाएगा और यहां बैठकर नागरिकता अधिनियम को वापस लेने की मांग जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि आंदोलनकारियों के बीच मास्क और अन्य आवश्यक सामान वितरित किए गए हैं जो लोग आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए आ रहे हैं। उन्हें भी मास्क और सैनिटाइजर आदि दिया जा रहा है।

इन सबके बावजूद सूत्रों ने बताया कि वायरस के फैलने का डर आंदोलनकारियों के बीच पसरा हुआ है और धीरे-धीरे महिलाएं उठकर घर लौट रही हैं। पार्क सर्कस मैदान में दो से ढाई हजार की संख्या में आंदोलनकारी हैं। प्रत्येक को मास्क और सैनिटाइजर देना काफी महंगा पड़ेगा। कुछ लोग खुद ही मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था करके आए हैं। इसके अलावा धरने पर बैठी महिलाओं के पति, बेटे अथवा अन्य परिजन सऊदी अरब और अन्य मुस्लिम देशों में हैं जो देश लौटना चाहते हैं। लेकिन विमान सेवा रद्द होने के कारण लौट नहीं पा रहे हैं। इसलिए व्यक्तिगत तौर पर भी आंदोलनकारी परेशान हैं और आंदोलन में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। इसलिए माना जा रहा है कि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण पार्क सर्कस का आंदोलन भी जल्द ही खत्म हो सकता है।