जानिये, क्यों बीजेपी कैंडिडेट लिस्ट में दो पूर्व मुख्यमंत्रियों को नहीं दिया टिकट

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नई दिल्ली : BJP ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने 184 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी, जिसमें प्रमुख उम्मीदवारों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाराणसी से और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की जगह गांधीनगर से चुनाव लड़ेंगे। उत्तराखंड में 11 अप्रैल को पहले चरण में होने वाले चुनाव के लिये बीजेपी द्वारा सभी पांचों सीटों पर घोषित उम्मीदवारों में दो नये चेहरों पर दांव खेला गया है जिनमें से एक वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट हैं जबकि दूसरे तीरथ सिंह रावत पूर्व में प्रदेश इकाई की कमान संभाल चुके हैं

फिलहाल प्रदेश की पांचों सीटों पर काबिज बीजेपी ने हालांकि, तीन अन्य सीटों पर अपने पुराने दिग्गजों, टिहरी से माला राज्यलक्ष्मी शाह, अल्मोड़ा से अजय टम्टा और हरिद्वार से रमेश पोखरियाल निशंक, पर ही भरोसा जताया है। पार्टी द्वारा घोषित नये उम्मीदवारों में से भट्ट को नैनीताल सीट से पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोशियारी की जगह उतारा गया है जबकि रावत पौड़ी गढ़वाल से पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी के स्थान पर मोर्चा संभालेंगे।

दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों, कोश्यारी और खंडूरी, की जगह नये चेहरों की घोषणा इसलिये हुई क्योंकि उन्होंने पार्टी हाईकमान को इस बार चुनाव न लड़ने की इच्छा से अवगत करा दिया था। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि भट्ट और रावत अपने पूर्ववर्तियों की लोकप्रियता के तिलिस्म को बरकरार रख पायेंगे या नहीं। यहां पार्टी सूत्रों का मानना है कि नैनीताल से भट्ट की उम्मीदवारी पौड़ी में रावत की उम्मीदवारी से ज्यादा मजबूत दिखाई दे रही है। खंडूरी के वफादारों में शुमार रावत का मुकाबला हाल में कांग्रेस में शामिल हुए उन्हीं के पुत्र मनीष से हो रहा है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्षेत्र में जबरदस्त प्रभाव रखने वाले भुवन चंद्र खंडूरी के वोट उनकी पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में जायेंगे या उनके पुत्र मनीष को इसका लाभ मिलेगा।

दूसरी तरफ, नैनीताल में भट्ट का पलड़ा भारी दिखायी दे रहा है लेकिन वहां से प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव हरीश रावत के खड़े होने की प्रबल संभावना को देखते हुए मुकाबला कड़ा भी हो सकता है। दो साल पहले विधानसभा चुनावों में भट्ट के नेतृत्व में पार्टी ने 70 में से 57 सीटों पर ऐतिहासिक विजय हासिल की थी। हालांकि, भट्ट, स्वयं अपनी सीट अल्मोड़ा के रानीखेत विधानसभा क्षेत्र से हार गये थे लेकिन अब लोकसभा के लिये उन्हें पार्टी टिकट दिया जाना उनके लिये पुरस्कार माना जा रहा है।