फ्रांस में हुआ कृत्रिम हृदय (artificial heart) का प्रत्यारोपण (Transplant)

Like this content? Keep in touch through Facebook

heartहृदय रोगियों के लिए अच्छी खबर है। दिल की खराबी के कारण उनकी उखड़ती सांसों को पांच और वर्ष की मोहलत मिलने का रास्ता साफ हो गया है। चिकित्सकों ने ऐसे पहले इंसानी कृत्रिम हृदय का सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण करने में कामयाबी हासिल कर ली है, जो मरीज जिंदगी पांच वर्ष और बढ़ाने में सक्षम हैं।

फ्रांसीसी डाक्टरों ने 75 वर्षीय एक रोगी के खराब दिल को बदल कर दुनिया में पहली बार कृत्रिम हृदय को प्रत्यारोपित कर दिया है। पेरिस के जार्जेस पापिदू अस्पताल के चिकित्सकों ने इस ऐतिहासिक प्रत्यारोपण की सघन प्रक्रिया को अंजाम दिया।

कृत्रिम हृदय की खासियत यह है कि यह मरीज के शरीर के बाहरी हिस्से में बंधी लीथियम आयन बैटरी से संचालित होती है। पूरी तरह से इंसानी दिल की तरह काम करने के लिए इसके उस हिस्से को मवेशियों के ऊतक से बनाया गया है, जो सीधे इंसानी खून के संपर्क में रहता हैं।

ऐसा इसलिए किया गया है ताकि धममनियों में खून न जम सके। पहले बने कृत्रिम हृदय में प्लास्टिक जैसे सिंथेटिक के इस्तेमाल के कारण ब्लड क्लाटिंग की शिकायत आम रहती थी। कृत्रिम हृदय को डिजाइन करने वाली फ्रंासीसी बायोमेडिकल फर्म कारमैट के मुख्य कार्यकारी मार्शेलो कांविटी के अनुसार, इस पहले प्रत्यारोपण से हम उत्साहित हैं। यह यंत्र असली दिल की तरह कम से कम पांच वर्ष तक काम करेगा।

यह पूरी तरह से पूर्व में निर्मित उन कृत्रिम हृदय से अलग है, जिन्हें अस्थायी इस्तेमाल के लिए बनाया बया था। उनका कहना है कि इस कृत्रिम हृदय में असली दिल की तरह धड़कन भी होगी और यह सेंसर के जरिये खून के प्रवाह को नियमित भी रखेगा।

हालांकि इसका वनज इंसानी दिल से करीब तीन गुना अधिक है। यह कृत्रिम हृदय एक किलोग्राम से थोड़ा कम हैं। जबकि एक स्वस्थ व्यस्क के हृदय का वनज आम तौर पर 250 से 350 ग्राम के बीच होता है। इस कृत्रिम हृदय को यूरोपियन एयरोनाटिक डिफेंस एंड स्पेस कंपनी ने विकसित कि है।