श्रमिकों के हित में सड़क पर उतरीं 10 ट्रेड यूनियनें

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नई दिल्ली- बुधवार को आहूत एक दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के समर्थन में मजदूर संगठनों के साथ ही वामपंथी दलों और कांग्रेस समर्थकों ने देशभर में प्रदर्शन किया।

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा- CPIM की कोई विचारधारा नहीं है। रेलवे पटरियों पर बम लगाना ‘गुंडागर्दी’ है। आंदोलन के नाम पर यात्रियों की पिटाई की जा रही है और पथराव किया जा रहा है। यह ‘दादागिरी’ है, आंदोलन नहीं। मैं इसकी निंदा करती हूं।

बंद का देश की वित्तीय राजधानी मुंबई की परिवहन सेवाओं पर कोई असर नहीं दिखा। मुम्बई की ‘जीवन-रेखा’ कही जाने वाली उपनगरीय ट्रेनें, बसें, ऑटो-रिक्शा और अन्य सार्वजनिक वाहन सामान्य रूप से चल रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि मामूली विलंब के अलावा तीन लाइनों पर उपनगरीय ट्रेनें सामान्य रूप से चल रही हैं।

बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं परिवहन (बेस्ट) के एक अधिकारी ने बताया कि बसें निर्धारित समय के तहत चल रही हैं। बेस्ट की बसें मुंबई, उसकी विस्तारित उपनगरों और नवी मुंबई में चलती हैं।

पश्चिम बंगाल के बर्धवान में टीएमसी और एसएफआई कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प।

पंजाब के अमृतसर में ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं ने रेलवे ट्रैक जाम कर वहां प्रदर्शन किया।

बैंकिंग सेवाओं पर बंद का सबसे ज्यादा असर पड़ा।

ट्रेड यूनियनों ने किया है भारत बंद का आह्वान। केंद्रीय यूनियनों में एटक, इंटक, सीटू, एआईसीसीटीयू, सेवा, एलपीएफ समेत अन्य शामिल हैं।

यूनियनों का कहना है- हम महंगाई, सार्वजनिक कंपनियों की बिक्री, रेलवे, रक्षा, कोयला समेत अन्य क्षेत्रों में 100 प्रतिशत एफडीआई और 44 श्रम कानूनों को संहिताबद्ध करने (श्रम संहिता) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के कांचरापाड़ा में प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक बंद कर दिया, जबकि सिलीगुड़ी में उत्तर बंगाल स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के बस ड्राइवरों ने हेलमेट पहनकर गाड़ी चलाई।

उत्तर बंगाल के कुछ इलाकों में तृणमूल कांग्रेस ने हड़ताल का विरोध करते हुए रैलियां निकालीं और लोगों से सामान्य स्थिति बनाए रखने का आग्रह किया।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को विभिन्न श्रमिक संगठनों की ओर से बुलाए गए ‘भारत बंद’ का समर्थन करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार पर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (पीएसयू) को कमजोर करने का आरोप लगाया।