छात्रों ने नहीं दी परीक्षा और मिल गई पास की मार्कशीट

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marksheetइंटरमीडिएट पास छात्रों को मुफ्त लेपटॉप की योजना हेतु भेजे गए आवेदन पत्रों जांच में फर्जी मार्कशीट लगाने के खुलासे में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। जिन छात्रों पर फर्जी मार्कशीट लगाने का आरोप है, उक्त छात्रों ने परीक्षा ही नहीं दी और उन्हें पास की मार्कशीट मिल गई। यही नहीं स्कूल के प्रधानाचार्य ने उक्त तीनों छात्रों को पहचाने से इंकार कर दिया, जबकि छात्रों ने रेगुलर कक्षा करने व टीसी व मार्कशीट पर प्रधानाचार्य के हस्ताक्षर होने के सबूत पेश किए।

सिकंदराबाद के गांव बिलसूरी स्थित हरकेश विद्या मंदिर में इंटर की मान्यता न होने के बावजूद उक्त स्कूल से तीन छात्रों द्वारा फर्जी मार्कशीट लगाकर शासन की लेपटॉप योजना में आवदेन के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था। उक्त छात्रों द्वारा नगर के जेएसपीजी कॉलेज में

बी.सी.ए में फर्जी मार्कशीट का प्रयोग कर प्रवेश ले लिया था। बताय जाता है कि जबकि हरकेश विद्या मंदिर की मान्यता सन् 2013 में हुई। जबकि छात्रों के पास वर्ष 2012 की इंटर पास मार्कशीट है। 

अब सवाल यह उठता है कि जब मान्यता नहीं तो कालेज ने कैसे प्रवेश ले लिया और परीक्षा कैसे करा दी। जब मामले की जांच हुई तब एक बड़े फर्जीबाड़े का खुलासा सामने आया। बी.सी.ए में गत वर्ष प्रवेश पाने वाले गांव सरायजगन्नाथ निवासी ऋषिकांत व अंकित पुत्र रनपाल व गौरव पुत्र प्रकाश चंद निवासी आढ़ा को खुलासे के बाद जेएसपीजी प्रशासन ने कॉलेज बुलाया। लेकिन घंटों की मशक्कत के बाद दो ही छात्र परिजनों संग कॉलेज पहुंचे। जहां उन्होंने बताया कि बिलसूरी स्कूल के प्रधानाचार्य ने उन्हें डरा धमकाया। पहले तो छात्र बरगलाते रहे, जब फंसने की बारी आयी तो उन्होंने सच उगलना शुरू कर दिया। बताया कि वे समेंत कई छात्राओं ने इंटरमीडियेट में स्कूल में प्रवेश लिया था, लेकिन परीक्षा के दौरान छात्राओं को प्रवेश पत्र दिए गए, जबकि उन्हें प्रवेश पत्र नहीं मिला।

उन्हें अलीगढ़ के किसी विद्यालय में परीक्षा देना बताया गया था। यानी उन्होंने परीक्षा ही नहीं दी और पास की मार्कशीट उन्हें मिल गई। प्रधानाचार्य शिव कुमार शर्मा ने जेएसपीजी कॉलेज प्रशासन के सामने छात्रों को पहचाने से इंकार कर उक्त छात्रों पर फर्जीबाड़ा किए जाने बताया। जबकि छात्र व उसके परिजन बार-बार प्रधानाचार्य पर गंभीर आरोप लगाते रहे।

जेएस कालेज की प्राचार्या डा. स्वप्ना उप्रेती ने इस बाबत बताया कि छात्र व प्रधानाचार्य को शनिवार को मामले में पूछताछ के बुलाया गया। जांच के बाद प्रधानाचार्य को नोटिस भेज स्पष्टीकरण मांगा गया है। फिलहाल तीनों छात्रों का बी.सी.ए कक्षा से प्रवेश निरस्त कर कोतवाली में फर्जीवाड़े की तहरीर दी गई है। प्रकरण को लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक को अवगत कराया जा रहा है।

गौरतलब है कि स्कॉलरशिप के लिए आ चुकी धनराशि और लेपटॉप के लिए हुई इंटरमीडियेट कागजातों की जांच में फर्जी मार्कशीट मामले में अमित व ऋषिकांत दोनों भाईयों ने स्कोलरशिप के लिए आवेदन नहीं भरे, चूकिं उनके पिता एयर फोर्स में बताए गए, जबकि गौरव ने स्कोलरशिप के लिए फार्म भरा। बेबसाइट में उसके स्कोलरशिप की एवज में 25090 रुपये दर्शाए गए है, लेकिन अभी खातों में धनराशि नहीं पहुंची है। यही नही छात्रवृत्ति की एवज में जो धनराशि उक्त छात्राओं को मिलनी थी, वह भी नहीं मिली। जिसका खुलासा छात्रों ने किया है।