कोई भी मनुष्य पुर्णतः संतुष्ट नहीं होता क्योंकि उसके इच्छाओं और आकांक्षाओं का अंत नहीं है। इच्छाये और आकांक्षाये अलग अलग व्यक्तियों में अलग अलग हो सकती है। शायद पुर्णतः संतुष्ट होना मनुष्य के प्रवृति में शामिल नहीं. जब मनुष्य की कोई एक भी इच्छा पूरी नहीं होती और...

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उपासना और पार्थिव पूजन के लिए कितने कर्मकाण्डो का प्रचलन है जैसे तीर्थयात्रा, देवदर्शन, स्तवन, पाठ, षोडशोचार, प्ररिक्रमा, अभिषेक, शोभायात्रा, श्रद्धांजली, किर्तन आदि विभिन्न प्रचलन है पर उच्चस्तरीय साधना के मूल रूप से दो ही तरीके है पहला जप और दूसरा ध्यान। भारत ही नहीं सम्पूर्ण विश्व मे साधना...

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मोटापे से छुटकारा पाने का कोई तय फ़ॉर्मूला नहीं है। डाइट और एक्सरसाइज के सही तालमेल से ही ह रोग आपकी जिंदगी से हमेशा के लिए जा सकता है।

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