- November 10, 2014
- By Arpana Singh Parashar
- in राष्ट्र, सम्पादकीय
भारत वर्ष की दशा इस समय बड़ी दयनीय है। देश में वक्त बेवक्त भड़कते सांप्रदायिक दंगों को देखकर ऐसा लगने लगा है, जैसे एक धर्म के अनुयायी दूसरे धर्म के अनुयायियों के जानी दुश्मन हैं। अब तो एक धर्म का होना ही दूसरे धर्म का कट्टर दुश्मन जैसा होना...
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