- September 22, 2015
- By आज की आवाज़ टीम
- in मुख्य ख़बरें, राष्ट्र, सम्पादकीय
समकालीन परिवेश में हमारे प्रतिदिन के जीवन चक्र में और लगभग सभी क्षेत्रों में मीडिया का हस्तक्षेप बहुत बढ़ गया है, इसके अनेक कारण हैं। मीडिया के विभिन्न जनसंचार माध्यमों
Read Moreसमकालीन परिवेश में हमारे प्रतिदिन के जीवन चक्र में और लगभग सभी क्षेत्रों में मीडिया का हस्तक्षेप बहुत बढ़ गया है, इसके अनेक कारण हैं। मीडिया के विभिन्न जनसंचार माध्यमों
Read Moreएक कहावत है कि कहने पर ‘धोबी’ गधे पर नहीं बैठता। यह कितनी प्रासंगिक है जिसे मै अब अच्छी तरह महसूस करने लगा हूँ। वर्षों पूर्व एक साप्ताहिक समाचार-पत्र का प्रकाशन करता था, कतिपय कारणों से उसे बन्द करना पड़ा। जब उक्त का नियमित प्रकाशन हो रहा था- तब...
Read Moreनई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आप सरकार को बदनाम करने की सुपारी लेने का मीडिया पर आरोप लगाने के बाद उस पर लगाम कसना शुरू कर दिया। उन्होंने एक आदेश में सरकारी अधिकारियों से कहा है कि कि यदि वे कोई ऐसी खबर पाते हैं जिससे...
Read Moreसालों से अदालत की नज़रों में फरार आरोपी अब विराजमान है किसी नगर निगम के चेयर पर,उस पर तुर्रा यह कि जैसे उसे अपने जुर्म का ईल्म ही न हो। ख़ास और चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिसिया अनुसंधान में अपराध और आरोपी की पुष्टि उपरान्त न्यायालय के...
Read Moreएक वक्त था जब पत्रकार की कलम पर लोगों को पूरा भरोसा हुआ करता था। इस देश का हर नागरिक जानता था कि कलम से लिखा गया हर शब्द सच होगा और हर नागरिक आँख बन्द करके उस पर आसानी से भरोसा भी कर लेता था।
Read Moreडॉ. वेदप्रताप वैदिक। हिंदी भाषी पत्रकारों में प्रखर हस्ताक्षर। एक ऐसा पत्रकार जो स्वयं पत्रकारों की पूरी जमात का आदर्श हो। पर पिछले एक हफ्ते की सुर्ख़ियों पर नज़र दौड़ाएं तो यह आदर्श ही अब विवादित होकर खुद को जांच के घेरे में आने से बचाने हेतु प्रयासरत है।
Read Moreलखनऊ / अमेठी। अमेठी में दो दिनों से राहुल गांधी के साथ आप पार्टी के नेता कुमार विश्वास भी दौरे पर है। से अमेठी की सियासत इन दिनों गरमाई हुई है। अपने दो दिन के दौरे पर अमेठी आये राहुल गांधी ने कहा अमेठी से मेरा पुराना रिस्ता है,...
Read Moreमीडिया एक, चेहरे अनेक। अनेकता में एकता सजोए हुए हमारा मीडिया। जिसके परिप्रेक्ष्य में लगातार मीडियाविद् का कथन, उसके कारनामों पर हमेशा पर्दा डालते हुए
Read Moreआजादी के पहले एक बार महात्मा गांधी ने अपने लिखित वक्तव्य में कहा था “याद रखना, आजादी करीब हैं। सरकारें बहुत जोर से यह जरूर कगेंगी कि हमने यह कर दिया, हमने वह
Read More