- October 08, 2016
- By Arpana Singh Parashar
- in राष्ट्र, सम्पादकीय
रिश्वत की जड़े बहुत गहरी है, हर छोटे बड़े शहरों से लेकर छोटे-छोटे गांवों, मोहल्लों तक इसने अपनी छाप छोड़ी है। छोटे से छोटा काम भी हमारे देश में एक पत्ती दो पत्ती, हरी पत्ती, लाल पत्ती दिए बिना नहीं होता। जुआरियों की भाषा की तरह ही रिश्वत के...
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