- July 25, 2015
- By Dr.Bhupendra Singh
- in राष्ट्र, सम्पादकीय
अब तो यह सिद्ध हो गया है कि हम वाकई पिछड़े हैं। लोग 21वीं सदी की हाईटेक सिस्टम से हर क्रियाएँ करने लगे हैं और एक हम हैं कि वही कलम-कागज, वही पुराना लकड़ी का पैड जो वर्षों से इस्तेमाल करते चले आ रहे हैं, अब भी हमारे लेखनकक्ष...
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