- August 17, 2014
- By आज की आवाज़ टीम
- in धर्म
भारत जैसे देश में जहाँ धर्मान्धता अपनी चरम सीमा पर व्याप्त है। वहाँ पर चाहे भी तो दलगत राजनीति से ऊपर नहीं उठाया जा सकता है। वस्तुतः जाति और धर्म यदि किसी देश की रीढ़ है, तो उनसे उपजे खतरे ही उस देश को खोखला बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका...
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