कानपुर IIT : सेल फोन की तरह होगा घर घर में सोलर सेल प्लांट

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solar cellकानपुर। आने वाले 5 से 7 सालो के अन्दर, सेल फोन की तरह घर घर में होगा, सोलर एनर्जी का प्लांट, जिससे लोग अपने जरुरत के मुताबिक़ बिजली उत्पादन कर सकेंगे, और अतिरिक्त बिजली को बेच भी सकेंगे, ये दावा है कानपुर आई आई टी का।

बुधवार को आई आई टी कानपुर में सौर ऊर्जा अनुसंधान एन्क्लेव अर्थात सौर ऊर्जा प्लांट का उदघाटन किया गया, इस सोलर प्लांट में पांच तरह के सोलर सेल लगाए गए है, जो कुल 50 किलोवाट यानी 250 यूनिट बिजली उत्पादन करेंगे, आई आई टी कानपुर के डायरेक्टर प्रो इन्द्रनील मन्ना की माने तो, इस प्लांट में पांच तरह के सोलर सेल लगाए गए है, और यहाँ उत्पादित हो रहे बिजली को हम उत्तर भारत के ग्रीड से कैसे जोड़े इसपर काम हो रहा है।

उधर आई आई टी कानपुर के चेयरमैन प्रो एम् आनन्द कृष्णन का कहना है की यहाँ लगे सोलर पैनल सूर्य के घुमाने के साथ-साथ घूमेंगेए जो की पुरे देश में कही भी नहीं है, और ये देश का पहला और अनूठा प्लांट है, जहा इस तरह के सोलर प्लांट लगाया गया है, साथ ही ये इंडो-यूके का एक संयुक्त प्रोजेक्ट भी है।

साल 2008 से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे, सीनियर साइंटिस्ट और सौर ऊर्जा अनुसंधान एन्क्लेव के हेड आर एस आनंद के मुताबिक़ वो दिन दूर नहीं जब देश में घर घर सौर ऊर्जा का प्लांट होगाए लोग सेल फोन की तरह सोलर सेल का इस्तेमाल करेंगेए और अपने घर की छतो पर सोलर एनर्जी का सोलर पैनल लगायेंगे, और अपने जरुरत के मुताबिक़ उससे बिजली जनरेट करेंगेए जिसके बाद उनको बिजली विभाग के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

मगर कौन सा सोलर सेल आम उपभोक्ता के लिए उचित होगा, ये वो नहीं जानती, आम लोगो को ये भी नहीं पता की कौन सी टेक्नोलॉजी किस तरह काम कर रही है, उसका क्या फायदा है, बिजली उत्पादन के लिए जो सोलर सेल वो लगा रहे है वो सही है या नहीं, इसके लिए इस सोलर अनुसंधान में पांच तरह के सोलर सेल पर बिजली उत्पादन का शोध किया जा रहा है।

साथ ही इस सौर ऊर्जा अनुसंधान एन्क्लेव में लोगो की जरुरत के मुताबिक़ एक सोलर प्लांट लगाने के खर्चे पर भी शोध किया जा रहा है, घरेलू और कमोर्शियल दोनों तरह के सोलर एनर्जी जनरेट करने वाले सोलर सेल पर शोध किया जा रहा है, मगर ये सारे शोध पुरे होने में करीब पांच से सात साल तक का वक़्त लग जाएगा, तब तक लोगो को इन्तजार करना पड़ेगा।

देश में बिजली की बढती किल्लत से लोग परेशान है, और राज्य सरकारे चिंतित, अब एसे में आई आई टी कानपुर का ये प्रोजेक्ट लोगो को कितना राहत पहुंचाएगा, ये तो समय ही बतायेगा, मगर इतना जरुर है कि आई आई टी के छोटे प्रारूप के घरेलु प्लांट बनाने वाले दावे ने आम जनता को एक उम्मीद तो जगा ही दी है।