राजीव शुक्ला ने IPL से किया किनारा

 

IPL कमिश्नर राजीव शुक्ला ने स्पॉट फिकिसंग विवाद से आजिज इस लुभावनी T-20 लीग से किनारा कर लिया है। उन्होंने बुधवार को यह साफ कह दिया है कि वह अब अपना पद छोड़ने के बाद इसे दोबरा संभालने के बिल्कुल भी इच्छुक नहीं है। इसके साथ ही यह भी सवाल उठने लगे हैं कि अब अगला IPL कमिश्नर राजनीतिक व्यकित होगा या फिर पूरी तरह गैरराजनीतिक व्यकित को ही इस विवादित इंडियन प्रीमियर लीग की कमान सौंपी जाएगी।

IPL से राजीव शुक्ला के मोहभंग की वजह सियासी करियर ही माना जा रहा है। कांग्रेस लगातार चिंतित रही है कि इस पूरे विवाद में उसके दामन पर छींटे न उछले। इसी कड़ी में राजीव शुक्ला ने

 

अगली बार IPL कमिश्नर न रहने का एलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि उनका कार्यकाल शुरूआत में एक साल के लिए था, जिसका प्रत्येक वर्ष नवीनीकरण किया जाना था। वह लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए इस पद पर बने रहने के इच्छुक नहीं है।

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सियासी छवि की ही चिंता थी कि राजजीव शुक्ला ने IPL की सफलता का तो पूरा श्रेय लिया, लेकिन इसमें हुए भ्रष्टाचार से खुद को पूरी तरह अलग कर लिया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टरचार रोधी गतिविधियां पूरी तरह से ICC और BCCI की जिम्मेदारी है। यही कारण है कि ICC और BCCI, ACSU, IPL प्रमुख के दायरे में नहीं हैं तथा ICC और BCCI को रिपोर्ट करते हैं। उन्होंने दावा किया कि BCCI में किसी पद की उन्हें लालसा नहीं है।। उन्होंने कहा कि मेंरा काम मैचों का आयोजिन था और मैच काफी अच्छी तरह आयोजित हुए। विवादों के बावजूद स्टेडियम पूरी तरह भरे थे।

उन्होंने कहा कि कुछ खिलाडि़यों और कुछ लोगों की गलतियों की वजह से IPL में भाग लेने वाले सैकड़ों खिलाडि़यों का नाम खराब नहीं हो सकता और नहीं होना चाहिए। कुछ लालची व्यकितयों की वजह से IPL साख पर बटटा नहीं लगाया जा सकता। यह पूछने पर कि टूर्नामेंट की विश्वसनीयता बरकार रखने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए तो राजीव शुक्ला ने कहा कि भ्रष्टाचार रोधी इकार्इ को पुलिस एजेंसियों के साथ मिलकर काम करना चाहिए। सटटेबाजों पर नजर रखना पुलिस का काम है।

राजीव शुक्ला ने कहा कि जैसा कि मैंने पहले ही स्वीकार कर लिया है कि भ्रष्टाचार रोधी एवं सुरक्षा इकार्इ के एक अधिकारी को टूर्नामेंट के दौरान प्रत्येक टीम के साथ मिल कर देना चाहिए। क्योंकि वह गलत खिलाड़ी को पहचानने में कामयाब होगा। शुक्ला ने कहा कि तीसरा सुझाव है कि जो भी पकड़ा जाए, उसे कानून के मुताबिक कड़ी सजा दी जाए। इससे उन्हें सबक मिलेगा। अंतिम यह है कि खिलाडि़यों के अनुबंध में एक प्रावधान होना चाहिए कि कोर्इ भी अगर भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है तो उस पर आपराधिक मुकदमा चलाना चाहिए।अब राजीव शुक्ला के अपने पद को छोड़ने के फैसले के बाद देखना यह है कि इनके इस पद को संभालने के लिए कौन आगे आता है।

 

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