राहुल को रास नहीं लालू के साथ गठबंधन

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rahul gandhiबिहार, महाराजगंज के उपचुनाव के रिजल्ट BJP और JDU के लिए दूरगामी साबित होंगे। हालांकि फिलहाल कांग्रेस में राजद के साथ गठजोड़ को लेकर असमंजस बरकरार है। उपचुनाव में कांग्रेस की भूमिका दुर्भाग्यपूर्ण रही। लालू प्रसाद से गठजोड़ के समर्थन प्रदेश और कुछ केंद्रीय नेताओं की इच्छा पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने फिलहाल वीटो लगा दिया है।

बिते कुछ महीनों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कांग्रेस के बीच दिखती रही थोड़ी नरमी का कारण कुछ भी रहा हो, इसका परिणाम विपक्षी गठबंधन पर पड़ सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तो पहले से ही राजद के साथ गठजोड़ के खिलाफ रहे राहुल गांधी अब थोड़े और दृढ़ हो गए हैं। उनकी तरफ से स्पष्ट संकेत दे दिया गया है कि कांग्रेस लालू के साथ लोकसभा चुनाव के मैदान में नहीं उतरेगी।

कुछ दिनों पहले बिहार प्रदेश इकाई के नेताओं ने राहुल को टटोलने का प्रयास किया था, लेकिन राहुल ने उनसे साफ कह दिया था कि पहले संगठन फिर गठबंधन। राहुल की अनिच्छा लालू के इरादें के इरादों पर पानी फेरने का काम कर सकती है, क्योंकि वह अपनी ओर से हरसंभव प्रयास कर रहे हैं कि कांग्रेस से गठबंधन हो जाए। महाराजगंज चुनाव जीतने के बाद भी उन्होंने कहा था कि राजद केंद्र में सांप्रदायिक दलों के साथ गठजोड़ को तैयार है।

उन्होंने कांग्रेस को खुश करने के लिए यहां तक कह दिया था कि मेरी जीत कांग्रेस की जीत है। वहीं राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय कृष्णा ने कहा था कि यह कांग्रेस के लिए मंथन का समय है, क्योंकि अगले चुनाव में लालू प्रसाद के बिना केंद्र में कोई सेकुलर सरकार नहीं बन सकती है।