मुजफ्फरनगर दंगे पर राहुल गांधी के बयान से विवाद

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों के बारे में अपने एक बयान को लेकर विवादों में फंस गए हैं। इंदौर में दिए उनके बयान को लेकर सियासत गरमा गई है। भाजपा ने राजस्थान और मध्य प्रदेश में राज्य चुनाव आयोग से राहुल गांधी की शिकायत की है।

बीजेपी ने राहुल गांधी के बयान की शिकायत भोपाल में चुनाव आयोग से की है। दूसरी तरफ, समाजवादी पार्टी ने पूछा है कि उनके पास यह जानकारी किस हैसियत से पहुंची। खुफिया सूत्रों ने राहुल के दावों का खंडन करते हुए कहा कि आईएसआई के दंगा पीड़ित मुस्लिम युवकों के सपंर्क में होने की कोई रिपोर्ट नहीं है।

बीजेपी का आरोप है कि राहुल अपने इस तरह के भाषण से देश का सांप्रदायिक माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल गांधी के बयान को लेकर जहां कांग्रेस उनका बचाव कर रही है, वहीं समाजवादी पार्टी और लेफ्ट के नेता कह रहे हैं कि राहुल मुसलमानों को आंतकवाद से जोडकर देश का माहौल खराब करने में जुटे हैं।

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दरअसल, राहुल गांधी ने कहा था कि मुजफ्फरनगर के दंगा पीडितों से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी सीधे संपर्क में है। राहुल के इस बयान के बाद विपक्ष ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मुजफ्फरनगर में दंगों की आग बुझ चुकी है, लेकिन चुनावी माहौल में राहुल गांधी मुजफ्फरनगर दंगे के मुद्दे को हर जगह उठा रहे हैं। इंदौर से पहले बुधवार को भी राजस्थान के अलवर में राहुल ये कह चुके हैं कि दंगा पीड़ित पाकिस्तान जाना चाह रहे थे।

अब यहाँ सवाल ये उठता है कि राहुल अपने भाषणों में बार-बार मुजफ्फऱनगर दंगे का जिक्र सिर्फ बीजेपी पर निशाना साधने के लिए कर रहे हैं या फिर चुनावी माहौल में अल्पसंख्यक वोट बैंक पर उनकी नजर है ? हम आपको बता दें कि अगस्त महीने में मुजफ्फऱनगर में दंगा भड़का था और दंगा भड़काने के आरोप में बीजेपी के तीन विधायक अभी जेल में हैं।

एक तरफ विरोधी हमला बोल रहे हैं तो अब तक राहुल को अपनों का खुलकर साथ नहीं मिला। सरकार फिलहाल राहुल के आईएसआई वाले बयान पर कुछ भी कहने से बच रही है। आज भी गृहमंत्री सुशील शिंदे से इस बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

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