नौवी के छात्र ने शक्ति-शाली हाइड्रो-मिसाईल आविष्कार करने का दावा कर NASA को दी चुनौती

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bihar news nasaजीवन काल में कुछ कर दिखाने  का जज्वा अगर दिल में हो, तो उम्र कोई मायने  नहीं रखता ,ऐसा ही एक होनहार बालक व  देश-प्रेमी, विज्ञान की  दुनिया में खुद को मील का पत्थर बनाने की जुगत में भिड़ गया है, और वह अपने भारत के प्रति देश-भावना से उत्प्रेरित होकर देश को भी आसमान की उन उंचाईयों  पर पहुंचा देना चाहता है,जहाँ से भारत के सामने सारी दुनिया ही छोटी नज़र आये।  

विज्ञान के क्षेत्र में बिहार के पश्चिम-चम्पारण ,बेतिया जिले का  नौवीं कक्षा का एक गरीब  छात्र अनूप कुमार ने अपने राष्ट्रीय स्तर के सोच से एक ऐसा शक्तिशाली हाइड्रो-मिसाईल का आविस्कार करने का दावा किया है जो न सिर्फ भारत की  सुरक्षा के मद्देनज़र खास उपयोगी होगा बल्कि नासा (NASA)की दुनिया में भी तहलका  मचा सकता है ।
                                                                               
दरअसल अनुप कुमार का चयन सर्व-प्रथम ग्रामीण क्षेत्र अंतर्गत उसके अपने विद्यालय ”सरस्वती  शिशु मंदिर”, बिहार के बेतिया द्वारा प्रांतीय स्तर पर भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र के फारबिसगंज में आयोजित एक विज्ञान मेला में कई खास विषयों पर आधारित विज्ञान शोध प्रदर्शन के लिए हुआ था,जहाँ पुरे बिहार,झारखंड सहित कई प्रांतों के सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने समवेत रूप से हिस्सा लिया।

इस प्रदर्शन में अनुप कुमार भी अपने प्रधानाचार्य श्री राम सिंह व आचार्य छोटे लाल जी के साथ शामिल हुआ और उसे इस विज्ञान प्रतियोगिता में  दिए गए विषयानुसार कुछ बनाने को दिया गया था, मगर अनुप कुमार ने आम छात्र-छात्राओं से अलग हट कर, अपने द्वारा स्व-रचित विज्ञान शोध  का प्रदर्शन किया जिसके अंतर्गत उसने सुरक्षा के मद्देनज़र अपने देश हित को ध्यान में रखते हुए विश्व स्तर का सबसे बड़ा अनुशंधान केंद्र नासा (NASA) के तर्ज पर एक छोटे इकाई का हाइड्रो-मिसाईल न सिर्फ बनाया बल्कि उसे उस विद्यालय के बृहत् परिसर में उस मिसाईल का सफल परिक्षण  कर लोगों को चौंका भी दिया।
                                 
इस सन्दर्भ में छात्र अनूप कुमार का कहना है कि,बड़ी इकाई में बनने के बाद यह हाइड्रो-मिसाईल परमाणु मिसाईल से 1000 गुना अधिक शक्ति-शाली और भयानक होगा,जिसकी मारक क्षमता  10,000  से 15,000 किलो मीटर की होगी ,तथा जिसके  अंतर्गत अमेरिका तक की  दुरी भी आ सकती  है।

उसने बताया कि यह मिसाईल अगर अपने देश में बना तो, इस  देश का निर्मित यह मिसाईल कम खर्च में ही देश की  रक्षा प्रणाली को इतना मजबूत कर देगा कि हमारा देश रक्षा और टेक्नोलोजी के क्षेत्र में विश्व गुरु बन सकता है। और किसी भी  दृष्टिकोण से कोई भी देश हमपर हमला नहीं कर सकेगा ,जैसे चाईना हर वक्त घुसपैठ करते रहता है ,वह भी डरने लगेगा।

मिसाईल के तकनीकि जानकारी के सम्बन्ध में भी छात्र अनुप ने बड़े तार्किक अर्थों में समझाया कि  किस तरह यह देशी मिसाईल प्रायोगिक तौर पर बड़े रूप में निर्माण करने के लिए सबसे पहले इसे निक्यूलियर फ्यूजन कराया जाएगा यानि बम विस्फोट कर के लाखो डिग्री सेल्सियस पैदा कराकर जो सूर्य पर फ्यूजन होगा,वही फिर  उसके बाद फ्यूजन रिएक्शन भी होगा ,यह पूरी प्रक्रिया अल्प सकेंड में होगा इसके बाद यह भयानक खतरनाक होगा जो देश के लिये शान कहलायेगा।

इस विज्ञान-शोध प्रदर्शन का मुआयना करने आये मुख्य अतिथि के रूप में अररिया जिला  के शिक्षा पदाधिकारी श्री सतेन्द्र कुमार सिन्हा ने इस छात्र की  भूरि-भूरि प्रसंशा करते हुए कहा कि ”इसने नासा के तर्ज पर जो अपने शोध प्रस्तुत कियें हैं वह बिलकुल सराहनीय है,और आज देश को इस तरह के उपकरणों की  आवश्यकता भी है, जैसा कि अनुप ने कर दिखाया है,साथ ही हम इसके मनोबल को देश हित में बढ़ाने के लिए इसे केंद्र सरकार तक पहुंचाएंगे  ताकि हमारे प्रोत्साहन से अगर मनोबल बढ़ता है, तो देश भी मजबूत होगा।

अनुप कुमार के इस शोध से उत्प्रेरित व गौरवान्वित इस विज्ञान प्रदर्शनी के  विशेष अतिथि व  विद्या-भारती के प्रदेश मंत्री श्री दिलीप कुमार झा ने कहा कि निश्चित रूप में जब इस छात्र के इस प्रदर्श को बहुशंख्यक रूप में लोगों ने पसंद किया है तो इस परफॉरमेंस से हम  सबका मनोबल बढ़ा है , और हम संगठन स्तर से भी इसे सिलेक्ट करवाकर ऊपर भेजने का काम करेंगे ताकि यह नोएडा के बड़े स्तर की प्रतियोगिता में भी चुना जाए और देश का नाम रौशन करे।
                
विज्ञान शोध परिक्षण आज के दौर में बहुत आवश्यक है ,आज न जाने कितने ही अनुप ऐसे छात्र होंगे जिन्हे इस तरह के न तो विद्यालय में पढ़ने का अवसर मिलता है, या मिलता भी हो तो वहाँ इस प्रकार के विज्ञानं प्रतियोगिता प्रदर्शनी नहीं मिल पातें हैं. जबकि किसी भी प्रतियोगिता से ही न सिर्फ बच्चों में बल्कि हर आयु वर्ग के लोगों में प्रतिस्प्रधा को लेकर उसका बौद्धिक विकास सम्भव है।

सरकार को चाहिए कि वह शिक्षा प्रणाली और देश के विकास के लिए प्रत्येक सरकारी विद्यालयों में भी इस प्रकार के ज्ञान-विज्ञान की  प्रदर्शनी आयोजन का कार्यक्रम , उनके अपने पाठ्य-क्रम में शामिल करें जिससे और भी अनुप कुमार को खोजा जा सके।