भारत-पाक जंग के माहौल में नवाज शरीफ ने जारी किया बड़ा बयान

Like this content? Keep in touch through Facebook

इस्लामाबा: भारत-पाक के बीच बन रहे जंग के माहौल में नवाज़ शरीफ के तरफ से बड़ा बयान जारी किया गया है। पाकिस्तान की नवाज शरीफ सरकार ने पहली बार मिलिट्री लीडरशिप को सख्त वॉर्निंग दी है। सरकार ने कहा है कि आतंकियों का सफाया करना जरूरी है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो दुनिया में पाक को अलग-थलग करने से कोई रोक नहीं पाएगा। पाक सरकार ने साफ कर दिया है कि आतंकी गुटों पर कार्रवाई में मिलिट्री और इंटेलिजेंस कोई दखलअंदाजी न करे।

बता दें कि उड़ी हमले के बाद भारत ने पाक को दुनिया से अलग-थलग करने की स्ट्रैटजी अपनाई थी। इसमें तब बड़ी कामयाबी मिली थी जब 8 में से 5 देशों ने पाक का बायकॉट करते हुए नवंबर में सार्क समिट में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था।

पाक के अंग्रेजी अखबार ‘द डॉन’ के मुताबिक, पाकिस्तान में हुई हाईलेवल मीटिंग में दो एक्शन प्लान तय हुए। पहले एक्शन प्लान के मुताबिक, आईएसआई के डीजी जनरल रिजवान अख्तर और पाक एनएसए नसीर जंजुआ चारों प्रॉविन्स का दौरा करेंगे। वहां वे प्रॉविंशियल कमेटियों और आईएसआई के सेक्टर कमांडर्स से मिलेंगे।

इससे यह मैसेज देना है कि मिलिट्री की अगुआई में चलने वाली इंटेलिजेंस एजेंसियां आतंकी गुटों पर किसी भी तरह कार्रवाई में किसी तरह की दखलअंदाजी नहीं करेंगी। अख्तर तो लाहौर के दौरे पर निकल भी गए हैं।

दूसरे प्लान के मुताबिक, नवाज ने साफतौर पर कहा है कि पठानकोट हमले की नए सिरे से जांच होगी। साथ ही रावलपिंडी की एंटी-टेररिज्म कोर्ट में चल रहीं मुंबई हमले की ट्रायल भी दोबारा से शुरू होगी।

बीते दिनों पंजाब प्रांत के सीएम शहबाज शरीफ (नवाज के भाई) और अख्तर के बीच जोरदार बहस हुई थी। ये फैसले उसी के बाद लिए गए।

सोमवार को पाक फॉरेन सेक्रेटरी एजाज चौधरी ने पीएमओ और मिलिट्री के अफसरों को अलग से प्रेजेंटेशन दिया। नवाज भी इस मीटिंग में थे। इसमें भारत के साथ हाल के घटनाक्रम और उसके बाद अन्य देशों के साथ डिप्लोमेटिक रिलेशंस को लेकर चर्चा हुई। चर्चा का मुख्य मुद्दा यही था कि पाक को विश्व बिरादरी से अलग-थलग पड़ चुका है।

अमेरिका के मु्द्दे पर चौधरी ने कहा, ‘उनसे हमारे रिलेशंस में लगातार गिरावट आई है। इसकी वजह है कि वे हक्कानी समेत आतंकी नेटवर्क पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे।’ चौधरी ने ये भी कहा, ‘ये मांग भी थी कि पठानकोट हमले की जांच पूरी की जाए और जैश-ए-मोहम्मद पर ऐसी कार्रवाई हो जो समझ आए।’ चौधरी के मुताबिक, ‘चीन, पाकिस्तान को सपोर्ट करता है लेकिन अब वो भी जैश को लेकर हमारी रणनीति पर सवाल उठा रहा है।’