लॉन्च हुआ जीएसएलवी, उपग्रह ‘इनसैट-3डीआर’ सफलतापूर्वक कक्षा में स्‍थापित

नई दिल्ली : भारत ने गुरुवार को श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण स्थल से स्वदेश निर्मित रॉकेट की मदद से दो टन से अधिक वजनी अत्याधुनिक मौसम उपग्रह ‘इनसैट-3डीआर’ प्रक्षेपित किया। अपराह्न करीब 4.50 बजे जीएसएलवी श्रेणी के नवीनतम रॉकेट जीएसएलवी-एफ05 के जरिए मौसम उपग्रह को सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लांच पैड से प्रक्षेपित किया गया।

यह जीएसएलवी का पहला ऑपरेशनल लॉन्चे है। जीएसएलवी इसरो के अत्याधुनिक मौसम उपग्रह इनसैट-3डीआर को लेकर गया और उसे कक्षा में सफलतापूर्वक स्थाौपित भी कर दिया। भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए यह बहुत बड़ी कामयाबी है। गौरतलब है कि जीएसएलवी-एफ05 के प्रक्षेपण को ‘anomaly’ के चलते 40 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया था।

इस लॉन्च के लिए उल्टी गिनती बुधवार रात को शुरू हुई थी। अंतरिक्ष एजेंसी ने यह जानकारी दी थी। इससे पहले मिशन तैयारी समीक्षा समिति और प्रक्षेपण प्राधिकार बोर्ड ने उल्टी गिनती को मंजूरी दी थी।

इसरो ने बताया, “सात सितंबर को साढ़े ग्यारह बजे जीएसएलवी-एफ05-आईएनएसएटी-3डीआर मिशन के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई। अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि यहां से करीब 110 किमी दूर श्रीहरिकोटा के स्पेसपोर्ट स्थित दूसरे लॉन्च पैड से जीएसएलवी का प्रक्षेपण बुधवार को किया जाएगा। यह अपने साथ अत्याधुनिक मौसम उपग्रह ले कर जाएगा जो देश में मौसम संबंधी सेवाओं के लिए विभिन्न सेवाएं प्रदान करेगा।

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जीएसएलवी-एफ05 के प्रक्षेपण में स्वदेश में विकसित क्रायोजेनिक अपर स्टेज (सीयूएस) को भेजा जाएगा और यह जीएसएलवी की चौथी उड़ान होगी। जीएसएलवी-एफ05 इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह क्रायोजेनिक अपर स्टेज को ले जाते हुए जीएसएलवी की पहली संचालन उड़ान है। इससे पहले, इसी तरह के विन्यास के साथ जीएसएलवी की उड़ान के साथ जनवरी 2014 में डी5 को और अगस्त 2015 में डी6 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर क्रमश: जीएसएटी-14 और जीएसएटी-6 को लक्षित जीटीओ में पूरी सटीकता के साथ स्थापित किया गया था।

अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने बताया था कि भूस्थितर परिवर्तन कक्षा (जीटीओ) में पहुंचने के बाद 2,211 किग्रा वजन वाला सैटेलाइट इनसैट-3डीआर अपने प्रोपल्शन सिस्टम की मदद से अंतिम गंतव्य “भूसमकालिक” (जियोसिन्क्रोनस) कक्षा में पहुंच जाएगा। यह 74 डिग्री पूर्वी देशान्तर पर स्थापित होगा। आईएनएसएटी-3डीआर के लक्षित जीटीओ में पहुंचने के बाद सैटेलाइट के सौर पैनल तत्काल तैनात हो जाएंगे।

पूर्व में अत्याधुनिक मौसम उपग्रह आईएनएसएटी-3डी का प्रक्षेपण फ्रेंच गुयाना से 26 जुलाई 2013 को किया गया था।

विभिन्न सेवाएं देने के साथ साथ आईएनएसएटी-3डीआर तटरक्षक, भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण, जहाजरानी एवं रक्षा सेवाओं सहित विभिन्न उपयोगकर्ताओं के लिए आईएनएसएटी-3डी द्वारा मुहैया करई जाने वाली संचालनगत सेवाओं से संबद्ध हो जाएगा। आईएनएसएटी-3डीआर की मिशन अवधि 10 साल है।

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