भारत-नेपाल रिश्तों को महरम के माध्यम से मजबूती प्रदान करेगा एनेपाल का नोबेल होस्पिटल
- May 17, 2013
- By आज की आवाज़ टीम
- in एशिया
भारत-नेपाल सीमा स्थित बिराटनगर नेपाल का नोबेल मेडिकल कॉलेज होस्पिटल, सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों लिए बना जीवन रक्षक केंद्र, तथा विशेष तौर पर भारतीय लोगों का ख़ास ध्यान रखते हुए, दोनों देशों के सम्बन्ध को मजबूती प्रदान करने को हुआ कटीबध्य, यह अस्पताल खास कर सीमा के भारतीय क्षेत्र, फारबिसगंज, जोगबनी, अररिया पुर्णियां, किशनगंज, कटिहार एसुपौल, सहरसा, मधुबनी एव न सिर्फ दरभंगा बल्कि राजधानी पटना तक से आये मरीजों का भी अच्छी तरह से ख्याल करता है।
इस सम्बन्ध में नोबेल होस्पिटल प्रांगन में एक सेमीनार का किया गया, जहाँ इस अस्पताल के मार्केटिंग अधिकारी अजित देव, अस्पताल प्रशासन अधिकारी नारायण दहाल व दीपेश कुमारएडायरेक्टर सुनील शर्मा, अन्तराष्ट्रीय कंसल्टेंट निरंजन कुमार सहित भारतीय क्षेत्र के भी कई वक्ताओं ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये। इसके साथ ही डायरेक्टर सुनील शर्मा ने पत्र्कारों को बताया की इस बार उनके मेडिकल कॉलेज के सत-प्रतिशत छात्र-छात्रओं ने MBBS की परीक्षा में उतीर्ण हुए हैं जिसकी भूरी-भूरी प्रशंसा की गई। साथ ही उन्होंने कहा की उनका मेडिकल कॉलेज सीमावर्ती क्षेत्र के भारतीय छात्रों को भी नेपाल जैसी समान सुविधा शुल्क पर नामांकन की व्यवस्था करेगी तथा आने वाले समय में भारत के गरीब विकलांग छात्रों के लिए इस्कोलरशिप की भी सुविधा प्रदान करेगी।
साथ-साथ उन्होंने नेपाली पत्रकारों सहित भारत.नेपाल पत्रकार समन्वय समिति (Indo-Nepal Journalist Co-ordination Committee ) के भारतीय संयोजक पंकज कुमार रणजीत तथा नेपाली संयोजक शिव बहादुर कार्की को उनकी कमिटी के पत्रकारों को चिकित्सा व जाँच सुविधा में 50% छूट वाला कार्ड भी सोंपा, जिसे ये संयोजक द्वारा अपने-अपने क्षेत्र के उनके कमिटी सदस्य के पत्रकारों को निर्गत कर सकेंगे ।
अंत में श्री शर्मा ने यह भी कहा की “हमारा उदेश्य सिर्फ मरीजों को न सिर्फ अत्याधुनिक चिकित्सा मुहैया करना होगा बल्कि, महरम के माध्यम से दोनों देशों के सम्बन्ध को मजबूती प्रदान करना भी हैं “।