भारत और चीन जल्द ही करेगे सीमा समझौता

Like this content? Keep in touch through Facebook

 

 

 

 

india chinaभारत और चीन से सीमा पर हर हाल में शांति बरकरार रखने पर जोर दिया है। लद्दाख घुसपैठ जैसी घटनाएं भविष्य में न हों, इसके लिए दोनों देश प्रस्ताविक सीमा रक्षा सहयोग समझौते को जल्द अमली जामा पहनाने पर राजी हो गए हैं। दोनों पक्षों ने इसके लिए जारी निर्णायक वार्ता को जल्द खत्म करने की जरूरत पर बल दिया है। साझा बयान जारी की भारत और चीन ने माना कि सरहद पर अमन दोस्ताना रिश्तों की मजबूती के लिए बेहद आवश्यक है।

रक्षा मंत्री एके एंटनी की चीन के नेताओं से मुलाकात के बाद दोनों देशों की ओर से साझा बयान जारी किया गया। इस मौके पर एंटनी ने कहा कि बीडीसीए को लेकर हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। सीमा पर शांति कायम रखने के लिए दोनों देशों के बीच वास्तविक आम राय बनी है। उनका कहना था कि अपने दौरे में उनकी जिस चीनी नेता से मुलाकात हुई, सभी ने सरहद पर अमन कायम रखने की इच्छा शक्ति जताई है।

सीमा समझौते के बारे में एंटनी ने कहा, कई मुद्दों पर दोनों पर दोनों देशों में आम राय बन गई है। कुछ पर बातचित चल रही है, जिसके भी एक निश्चित अवधि में समाप्त होने की उम्मीद है। समझौता जल्द होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया है कि चीनी नेताओं से उनकी बातचीत खुले माहौल में हुई। रविवार को स्वदेश लौटे रहे एंटनी ने बीजिंग दौरे में चीन के प्रधानमंत्री ली कछ्यांग और रक्षा मंत्री चांग वांगकुआंग समेत अन्य नेताओं से मुलाकात की।

बयान के अनुसार, सीमा  पर शांति कायम रखने के लिए दोनों देश आपसी विश्वास बहाली के उपयों को लागू करने पर जोर देंगे। इसके तहजत सरहद पर दोनों देश के सैन्य अधिकारियों के बीच संवाद को और तेज किया जाएगा। साथ ही दोनों देशों के बीच सैन्य प्रतिनिधिमंडल की आवाजाही को भी बढ़ाया जाएगा। नौसेना के स्तर पर भी संबंधों को प्रगाढ़ किया जाएगा। दोनों देशों की सैन्य अकादमी भी एक-दूसरे से संपर्क बढ़ाएगी।

साझा बयान में दोनों देशों के बीच प्रस्ताविक सीमा रक्षा समझौते के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया है। कहस गया है कि इस समझौते के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया है। कहा गया है कि इस समझौते को जल्द से जल्द लागू करने की कोशिश होगी। चीन ने इस वर्ष जनवरी में सीमा समझौते के लिए भारत से प्रस्ताव किया था। लेकिन इस मामले में असली तेजी अप्रैल में चीनी सैनिकों के लद्दाख घुसपैठ के बाद आई है।