बनना चाहता था बड़ा अधिकारी मगर पहुँच गया शमशान

हमीरपुर। आज के दौर में हर माँ बाप चाहते है, कि उनके बच्चे ज्यादा से ज्यादा नम्बरों के साथ पास हो, मगर अब अभिभावको के लिए उनके समाज में यह स्टेटस सिम्बल बन चूका है, और इसके लिए हर अभिभावक अपने बच्चो पर दबाव भी बनता है, मगर अब ये दबाव कई छात्रो के लिए जान की दुश्मन बन गयी है।

एक ऐसी ही बानगी आज देखने को मिली हमीरपुर जनपद के लालपुर थाना के भुजपुर गाँव में, जहाँ एक कक्षा 10 में पढ़ने वाले छात्र शिवम् ने महज इस लिए आत्म हत्या कर ली, क्योकि

उसके 10 वी के बोर्ड एक्जाम में पेपर बिगड़ गये थे और शिवम् ये जान चूका था कि अब वैसा नहीं होगा जैसा वो और उसके घर वाले चाहते है, इसलिए शिवम् ने आज जो रास्ता चुना, उसको देख पूरा गाँव सन्न रह गया। शिवम् अपने पुरे गाँव में सबसे तेज और होनहार छात्र था।

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मृतक शिवम् के चाचा राजेश की माने तो 14 वर्षीय शिवम पढ़ने लिखने में सबसे होनहार था, और पुरे गाँव का चहेता भी था, और खुद मृतक शिवम् का एक सपना था, पढ़.लिख कर एक बड़ा अधिकारी बनने का, और यही वजह था कि शिवम् कड़ी मेहनत करता था, और उसे यकीन था कि वो 10वीं बोर्ड की परीक्षा में टॉप जरुर करेगा, इसलिए शिवम् ने अपने माँ-बाप से स्कूल में टॉप करने का वादा भी कर लिया था, अपने बेटे के मेहनत को देख माँ भी उसके टॉप आने का ख्व्वाब बुन चुके थे, और शिवम् को हर समय पढ़ने का दबाव भी बनाने लगे थे।

मगर शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था शिवम् ने अपने बोर्ड एग्जाम तो दिए, मगर उसके दो पेपर खराब हो गए. इसको लेकर शिवम् पिछले कुछ दिनों से परेशान रहने लगा था, मगर माँ बाप के लाख पूछने पर भी शिवम् कुछ नहीं बोल रहा था, और आज सुबह करीब पांच बजे शिवम् ने अपने पिता जी के लाइसेंसी रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गयी।

शिवम् के आत्महत्या करने की खबर जैसे ही गाँव वालो को मिली पूरा गाँव सदमे में आ गया, शिवम् की मौत की खबर जिसने भी सुनी वो शिवम् के घर की तरफ दौड़ पड़ा। हांलाकि पुलिस ने लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, उधर हमीरपुर के एस पी रतन कुमार भी मानते है की शिवम् ने डिप्रेसन में आ कर आत्महत्या की है।

 

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