जानिए, क्यों जिले में किसानों को पुलिस ने कपड़े उतरवा कर पीटा

Like this content? Keep in touch through Facebook

नई दिल्ली : मध्य प्रदेश में टीकमगढ़ जिले को सूखा-ग्रस्त घोषित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों की पुलिस के साथ झड़प हो गई, जिसके बाद पुलिस वालों ने कई किसानों को थाने ले जाकर उनकी जमकर पिटाई कर दी। ये किसान कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने की मांग करते हुए कांग्रेस के नेताओं के साथ मिलकर प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने कार्यवाही करते हुए किसानों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। किसानों का आरोप है कि वे प्रदर्शन कर वापस अपने गांव दुनातर लौट रहे थे कि पुलिसवालों ने उनकी गाड़ी को रोक लिया और उन्हें थाने ले गए जहां पर कपड़े उतरवाकर उनकी जमकर पिटाई की गई।

यह घटना मंगलवार की है। ETV के अनुसार युवा कांग्रेस के खेत बचाओ-किसान बचाओ अभियान के तहत हजारों की संख्या में किसान टीकमगढ़ जिले को सूखा-ग्रस्त करने की मांग कर रहे थे। युवा कांग्रेस के राज्य प्रमुख कुणाल चौधरी प्रदर्शन की शुरुआत करते हुए किसानों को लेकर कलेक्टर के कार्यालय की तरफ बढ़ रहे थे कि पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर उन्हें रोकने का प्रयास किया। कुणाल चौधरी ने बताया कि कलेक्टर ने हम लोगों में तीन लोगों को अपने कमरे में आने की अनुमति देते हुए ज्ञापन सौंपने के लिए कहा था और इसीलिए हम कलेक्टर के ऑफिस पहुंचकर उन्हें टीकमगढ़ सूखा-ग्रस्त घोषित करने के मामले में ज्ञापन सौंपना चाहते थे।

कुणाल और किसान ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए और कलेक्टर से आग्रह करने लगे कि वे बाहर आकर ज्ञापन स्वीकार करें। इसी बीच पुलिस ने आकर किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए। इतना ही नहीं किसानों को कलेक्टर के ऑफिस के बाहर से हटाने के लिए वॉटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया। प्रदर्शन के बाद जब किसानों का एक ग्रुप ट्रेक्टर ट्रोली में बैठकर वापस जाने लगा तो दाहात थाने के पुलिस अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया। कुणाल ने आरोप लगाया कि पुलिस ने किसानों को लॉकअप में बंद करके उनके कपड़े उतरवाकर बेरहमी से पिटाई की।