Loksabha Election 2019: सोशल मीडिया पर चुनाव आयोग की कड़ी नजर

Like this content? Keep in touch through Facebook

नई दिल्ली : दिल्ली की सातों लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार को लेकर चुनाव आयोग काफी सतर्क है। इसके तहत आयोग सभी राजनीतिक दलों की सभाओं, जनसभाओं की वीडियो रिकॉर्डिंग कराने के साथ समाचार-पत्र, टीवी, रेडियो और सोशल मीडिया (फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम) पर भी नजर रखे हुए है। इसके लिए बकायदा दिल्ली मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में एक नियंत्रण कक्ष बनाया गया है।

चुनाव अधिकारियों के मुताबिक, चुनाव प्रचार के लिए नेता जिन-जिन माध्यमों का इस्तेमाल कर सकते हैं उन सब पर नजर रखने के लिए मीडिया निगरानी समिति का गठन किया गया है। एक टीम राज्य स्तर पर और दूसरी टीम संसदीय सीट स्तर पर कर रही है। साथ ही, विशेषज्ञों की भी मदद ली जा रही है ताकि सोशल मीडिया से लेकर टीवी पर चलने वाली खबरों और पेड खबरों को पहचान कर उन्हें पकड़ा जा सके।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी की ओर से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, समाचार पत्र, रेडिया और सोशल मीडिया सबके लिए अलग-अलग टीम काम कर रही है। रेडियो निगरानी टीम में दो, टीवी निगरानी टीम में चार और समाचार पत्र निगरानी टीम में 8 से अधिक लोग नियुक्त किए गए हैं। इसके अलावा, सोशल मीडिया विशेषज्ञ के रूप में राज्य स्तर पर एक टीम और प्रत्येक संसदीय सीट पर एक व्यक्ति को रखा गया है। यह टीम दिल्ली के राजनीतिक दलों के अलावा नेताओं के फेसबुक और ट्विटर अकाउंट पर भी नजर बनाए हुए है। अभी तक फेसबुक को लेकर एक नोटिस भाजपा विधायक को जारी किया गया है।

विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए लेनी होगी मंजूरी

आचार संहिता लागू होने के बाद राजनीतिक दलों और नेताओं को किसी भी तरह के विज्ञापन को प्रकाशित करने के लिए चुनाव आयोग से उसे प्रमाणित कराना होगा। विज्ञापन को प्रमाणित करने के लिए आयोग ने 11 सदस्यीय मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मानिटरिंग कमेटी बनाई है। इसमें हर विधा के विशेषत्र शामिल हैं। वह विज्ञापनों को देखऩे के बाद ही उसे प्रमाणित करेंगे। अगर विज्ञापन में कुछ भी आपत्तिजनक या चुनाव आयोग के निर्देशों से अलग है तो उसे हटाने के लिए कहा जाएगा। उसके बाद ही विज्ञापन को मंजूरी मिलेगी। सोशल मीडिया पर भी कोई विज्ञापन पोस्ट करने के से पहले उसे प्रमाणित कराना होगा।