जानिये, क्या केवल 10 लाख करोड़ ही था काला धन, RBI की रिपोर्ट से नोटबंदी पर उठे सवाल

Like this content? Keep in touch through Facebook

नई दिल्ली : 8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे पूरे देश में नोटबंदी लागू की गई थी। इसकी घोषणा करते हुए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि काले धन के ज्यादा प्रसार को रोकने के लिए 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद किया जा रहा है। लेकिन अब 21 महीने बाद आई भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि केवल 10 लाख करोड़ रुपये के नोट ही वापस नहीं आए। बाकी 99.3 फीसदी पुराने नोट वापस बैंकों में जमा हो गए हैं।

क्या सिर्फ 0.7 फीसदी ही था काला धन?

RBI की इस रिपोर्ट से बड़ा सवाल उठता है कि क्या देश में मात्र 0.7 फीसदी ही काला धन था, जिसके लिए नोटबंदी जैसा बड़ा कदम उठाया गया था। 8 नवंबर, 2016 को लागू की गई नोटबंदी के 21 महीने बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वापस आए पुराने 1000 और 500 रुपये के नोटों का आंकड़ा जारी कर दिया है।

रिपोर्ट पर लोगों ने उठाये ये सवाल

RBIकी इस रिपोर्ट के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या नोटबंदी एक सही कदम था? इस बारे में amarujala.com से बात करते एचडीएफसी बैंक के आर्थिक विशेषज्ञ अभीक बरूआ ने कहा कि यह बहुत सही कदम था। इससे सरकार को काफी अच्छी जानकारियां मिली है। इन जानकारियों का अगर सरकार सही तरीके से इस्तेमाल करे तो फिर उसकी टैक्स से होने वाली कमाई में तो बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही कई कंपनियां जो कर के दायरे में नहीं थी उनकी भी जानकारी सीधे-सीधे सरकार के पास पहुंच गई है।

नकदी में नहीं है काला धन

अगर काले धन की बात करें तो अभीक बरूआ ने कहा कि लोग नकदी के तौर पर अपने घर या फिर कहीं भी ज्यादा काला धन नहीं रखते हैं। इस पैसे का इस्तेमाल सोना और संपत्ति खरीदने में किया जाता है। ऐसे में यह मानना की नोटबंदी से ज्यादा काला धन वापस आएगा तो यह सहीनहीं है, क्योंकि लोगों ने नकदी के तौर पर काफी कम काला धन अपने घरों में छिपा रखा है। नोटबंदी से पहले कई कंपनियां बिना टैक्स दिए देश में कारोबार कर रही थीं, अब इन कंपनियों ने भी जीएसटी और ईपीएफओ में अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया है।