डेंगू के घरे में दिल्ली: रोग, लक्षण, उपचार

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denguहर साल दुनिया भर में करीब 10 करोड़ लोग डेंगू बीमारी से संक्रमित होते हैं। इसी के साथ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी डेंगू कहर बरपा रहा है। सरकार और नगर निगम अब भी नहीं चेते तो स्थिति भयावह हो जाएगी। दिल्ली में डेंगू से होने वाली लोगों की मौत गंभीर चिंता का विषय है। 

यह हालात नगर निगम के दावों की पोल खोलने वाला है। जगह-जगह पानी के जमाव से डेंगू के लिए जिम्मेदार एडिस मच्छरों को पनपने का अनुकूल माहौल बन चुका है। इसी का नतीजा है कि आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि डेंगू की चपेट में होने के बावजूद राजधानी में इससे निपटने के उचित इंतजाम व सावधानी देखने को नहीं मिल रही।

इस जानलेवा रोग के फैलने के पीछे जहां एक ओर दिल्ली नगर निगम व स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही जिम्मेदार है, वहीं लोगों की उदासीनता से भी इस पर लगाम लगाने में सफलता नहीं मिल पा रही है। 

दिल्ली में डेंगू कई वर्षों से दहशत फैला रहा है। वर्ष 2006 से अब तक इस बिमारी से सैकड़ो लोगों की मौत हो चुकी है। डेंगू के मामलों में जिस तेजी से बढ़ोतरी हो रही है उसे कतई लापरवाही से नहीं लिया जाना चाहिए। संबंधित सरकारी एजेंसियों को डेंगू की रोकथाम के लिए बनाई गई योजनाओं की गहन समीक्षा करने की जरूरत है।

डेंगू के मच्छर से बचने के उपाय:  

कोई भी बरतन में खुले में पानी न जमने दें। बतरन को खाली करके रखें या उलट कर रखें। अगर आप किसी बरतनए बाल्टीए ड्रमए इत्यादि में पानी जमा करके रखते हैंए तो उसे ढक कर रखें। अगर किसी चीज में पानी रखते हैंए तो उसे साबुन और पानी से धो लिया करें, कि उस में से मच्छर का अंडा को हटाया जा सके।

किसी भी खुले जगह मेंए जैसे खड्डे में, गमला में, कचडा़ में पानी न जमने दें। हो सके तो उसे मिट्टी से भर कर रखें।

नाली को बहता रहना चाहिये।

खिड़की और दरवाजे में जाली लगा कर रखना चाहिये। दोपहर के बादए खिड़की और दरवाजे को बंद रखें कि
मच्छर का आना-जाना कम हो।

अपने मोहल्ले के लोगों को भी मच्छर को फैलने से रोकने के लिये प्रोतसाहित करें।

बरसात के मौसम में और चौकसी बरतें।

सफेद या हल्के रंगा का पूरे बांह वाले कपडे़ पहनेए जिससे कि आप अपने शरीर को पूरे तरह से ढक सकें।
जहां अधिक मच्छर हैए वहां रात को मच्छरदानी का उपयोग करें। कभी-कभार मच्छर मारने वाले दवा उन

जगहों पर मच्छर पर असर नहीं करता है।

अपने नगर निगम द्वारा मच्छर मारने वाला दवा छिड़कायें।

डेंगू के लक्षण :

डेंगू का एक से अधिक लक्षण होता है। अगर आपको नीचे लिखे हुये लक्षण में से कुछ भी हैए जो साधारण दवा से ठीक नहीं हो रहा हैए तो डाक्टर से दिखलाने जायें।

बुखार

सिरदर्द

हड्डी और जोड़ में दर्द

आखों में दर्द

मिचली आनाए उल्टी होना

स्किन में चकत्ते होना या रैश होना

खून बहना या खून के चकत्ते होना

डेंगू का इलाज:

डेंगू का शंका होने परए अपने डाक्टर से दिखलायें। कुछ दवा इस प्रकार से है।

खूब सारा आराम करें।  

अधिक पानी पियें।  

बुखार के लिये “पेरासिटामोल” (paracetamol) या “एसिटाअमिनोफेन” (acetaminophen) ले सकते हैं।

बुखार के लिये “एसपिरीन” (aspirin) या उसके जैसे दवा न लें। यह आपको नुकसान पहुंचा सकता है, जैसे की खून की बीमारी।

अगर आप डेंगू के मरीज़ हैए तो आप को दो लक्ष्य होना चाहिये। पहला कि आप जल्द से जल्द स्वस्थ हो सकें और दूसरा कि आप दूसरों को यह बीमारी न फैलायें।

अपने लिये डाक्टर द्वारा बताये गये इलाज का पालन करें।

दूसरों को यह बीमारी न फैलाने के लिये आप कुछ बातों का ध्यान रख सकते हैं।

मच्छर द्वारा काटने से बचने का हर उपाय करें।

हमेशा मच्छरदानी का प्रयोग करें।

मच्छर मारनेवाला दवा का प्रयोग करें।

डेंगू हेमोर्हेजिक फीवर:
जब यह बीमारी गंभीर हो जाता हैए तो मरीज में विभिन्न जगहों से खून बहने लगता है। यह जानलेवा भी हो सकता है। इस स्थिती को  डेंगू हेमोर्हेजिक फीवर  कहते हैं। इसका इलाजए अस्पताल में तुरंत होना चाहिये।

स्वास्थ्य विभाग को इस बिमारी से संबंधित सभी खामियों को तलाश कर नए सिरे से पूरी गंभीरता के साथ इस पर नियंत्रण के लिए कार्य शुरू करने की आवश्यकता है। अधिकारियों का चाहिए कि वे इस कार्य की सवयं निगरानी करें और किसी भी स्तर पर लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाएं, चाहे वह सरकारी कर्मचारी हो या क्षेत्रवासी। नगर निगम के साथ ही दिल्ली सरकार को भी इस मामले की गंभीरता को समझना होगा और आगे बढ़कर समस्या का समाधान खोजना होगा। सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप से काम नहीं चलने वाला।

राजधानीवासी इसकी भारी कीमत चुका रहे हैं, अब तो समस्या का हल चाहिए। दुरूस्त स्वास्थ्य सेवा देने के साथ भ्रम फैलाने व इस स्थिति का फायदा उठाने वालों की भी सचेत करने की जरूरत है। क्योंकि प्लेटलेट्स के नाम पर डरा कर धंधा करने वालों के मामले भी सामने आते रहते हैं।