भोपाल में पत्रकार के कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर मीडिया जगत में हलचल

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भोपाल : भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार केके सक्सेना में कोरोना वायरस की पुष्टि होने के बाद बुधवार को मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस पीड़ितों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है।

भोपाल में इस खबर के बाद पत्रकार जगत में पूरी तरह से हलचल मच गई है क्योंकि यह कोरोना संक्रमित पत्रकार सक्सेना भोपाल में मुख्यमंत्री निवास पर निवर्तमान मुख्यमंत्री कमलनाथ की 20 मार्च को दोपहर की पत्रकार वार्ता में मौजूद थे। इस पत्रकार वार्ता में कमलनाथ ने अपने त्यागपत्र की घोषणा की थी।

भोपाल के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) सुधीर देहरिया ने बताया कि भोपाल के कोरोना पीड़ित पत्रकार, 26 वर्षीय कोरोना की पहली महिला मरीज के पिता हैं। यह युवती 18 मार्च को ही लंदन से भोपाल आई है और उसके नमूनों की जांच में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई।

देहरिया ने बताया कि पिता एवं पुत्री दोनों का इलाज भोपाल एम्स में किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि लंदन से लौटने के बाद यह युवती 2 दिन तक अपने परिवार के साथ रही। सीएचएमओ ने बताया कि हालांकि युवती के परिवार में उसकी मां, भाई और घर में काम करने वाले अन्य लोगों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है।

देहरिया ने बताया कि जो भी लोग संक्रमित पत्रकार के संपर्क में थे उनको सलाह दी जाती है कि वह 14 दिनों के लिए घर में स्वयं को अलग कर लें तथा 6-7 दिन में यदि खांसी, ठंड और बुखार जैसे लक्षण दिखाई दें तो कोरोना नियंत्रण कक्ष में संपर्क करें। आवश्यकता होने पर कंट्रोल रूम न 0755- 2704201, टोल फ्री नंबर 104, व्हाट्सअप नंबर 9301089967 पर सूचना दे सकते है

एक राष्ट्रीय दैनिक से जुड़े एक वरिष्ठ पत्रकार ने कहा, ‘कमलनाथ की पत्रकार वार्ता में कांग्रेस के विधायक, नेता, सरकारी अधिकारी और बड़ी तादाद में पत्रकार मौजूद थे। मैं भी उनसे मिला था। हम सभी अब दहशत में हैं। उन्हें (संक्रमित पत्रकार) इस पत्रकार वार्ता में भाग नहीं लेना चाहिए था। जब वह जानते थे कि उनकी बेटी विदेश यात्रा से वापस आई है।’ उन्होंने कहा कि पत्रकार वार्ता के दौरान संबंधित पत्रकार से मिलने वाले अन्य पत्रकारों को अब घबराने के बजाय अन्य लोगों से स्वयं को अलग कर लेना चाहिए।

वहीं जर्नलिस्टस क्लब के अध्यक्ष दिनेश गुप्ता ने बताया कि यह बहुत ही गैर ज़िम्मेदाराना व्यवहार है। केन्द्र सरकार ने बार-बार विदेश यात्रा करने वाले लोगों और उनसे संपर्क में आने वाले लोगों के बारे में सावधानियों के बारे में सलाह जारी की। इसके बावजूद ऐसा व्यक्ति इतनी अहम जगह पर बड़ी पत्रकार वार्ता में मौजूद था। उन्होंने कहा कि प्रशासन को ऐसे लोगों को पहले ही अलग रखना चाहिए क्योंकि प्रशासन को विदेश से आने वाले लोगों के बारे में पूरी जानकारी होती है।

इससे पहले बुधवार को इंदौर के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती 2 महिलाओं समेत 5 मरीजों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई। इनमें से 4 इंदौर के रहने वाले हैं, जबकि 1 उज्जैन की है। इनमें से उज्जैन की 65 वर्षीय महिला की आज इंदौर में मौत हो गई। अब तक कोरोना संक्रमण के मामलों की पुष्टि वाले सात जिलों भोपाल, इन्दौर, जबलपुर, ग्वालियर, शिवपुरी, उज्जैन और छतरपुर जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है।