निर्भया फंड से बन रही हैं सड़के, नहीं हो रहा महिलाओं के लिए इस्तेमाल : निर्भया की मां

Like this content? Keep in touch through Facebook

नई दिल्ली : 16 दिसंबर 2012 में हुए दामिनी दुष्कर्म कांड में पीड़ित और मृतक निर्भया की मां ने आरोप लगाया है कि सरकार द्वारा जारी किया गया ‘निर्भया फंड’ का इस्तेमाल महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए बल्कि सड़क आदि बनाने में किया जा रहा है।

जी हाँ निर्भया की मां आशा देवी ने अपने गांव के एक कार्यक्रम में बोलते हुए आरोप लगाया है कि ‘निर्भया फंड’ जिसका इस्तेमाल महिला सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण में किया जाना निश्चित किया गया था अब उसका इस्तेमाल सड़क आदि के निर्माण में किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘निर्भया फंड’ का इस्तेमाल स्कूल और अस्पालों को बनाने के लिए भी किया जाना चाहिए।

लखनऊ से निकली ‘निर्भया ज्योति यात्रा’ के समापन पर अपने गांव में शुक्रवार को आयोजित ‘निर्भया’ की मां ने श्रद्धांजलि सभा में उक्त बातें कहीं। निर्भया की याद में लखनऊ से चलकर बिटिया के गांव पहुंची ‘निर्भया ज्योति यात्रा’ में शामिल रेड ब्रिगेड की लड़कियों ने यहीं पर गुरुवार की रात को विश्राम किया। शुक्रवार की सुबह गांव में प्रभातफेरी निकाली। ‘हम सब ने यह ठाना है हिंसा को मिटाना है’, ‘निर्भया हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं’ का नारा लगाते हुए इन बेटियों ने ग्रामीणों को महिला सुरक्षा के प्रति जागरूक किया। कैंडल जलाकर निर्भया को श्रद्धांजलि देने के साथ ही बेटियों की सुरक्षा से सम्बंधित कई झांकियां भी इन लड़कियों ने प्रस्तुत की।

निर्भया की मां ने कार्यक्रम में जिलाधिकारी के नहीं पहुंचने पर भी आपत्ति जतायी। कहा कि वे खुद जिलाधिकारी से मिलकर कई बार आवेदन कर चुकी थीं। इसके बावजूद उन्हें इस कार्यक्रम के लिए समय नहीं मिल सका।

गौरतलब है कि देश को हिला देने वाले 2012 के निर्भया गैंगरेप कांड के बाद केंद्र सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के मकसद से निर्भया को समर्पित एक कोष (फंड) की स्थालपना की थी। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार इस कोष के तहत अभी तक 2348.85 करोड़ रुपये के 16 प्रस्ता व प्राप्तस हुए हैं। जिनमें से 2047.85 करोड़ के 15 प्रस्ता वों का मूल्यां कन कर उनकी अनुशंसा की गई।

निर्भया फंड में सबसे ज्यादा 500 करोड़ रुपये रेल मंत्रालय में इंटीग्रेटेड इमरजेंसी रिस्पांास मैनेजमेंट सिस्टयम के लिए रखे गए हैं। 321.69 करोड़ रुपये गृह मंत्रालय ने इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टरम के लिए रखा है। वहीं, महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध की जांच यूनिटों का गठन करने के लिए 324 करोड़ और केंद्रीय पीड़ित क्षतिपूर्ति निधि के गठन के लिए 200 करोड़ की राशि निर्धारित की गई है।

इतना ही नहीं निर्भया फंड में संगठित अपराध जांच एजेंसी के लिए 83.20 करोड़ रुपये, महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ होने वाले साइबर अपराध की रोक के लिए 244.32 करोड़ रुपये और महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कारों एवं बसों में पैनिक स्विच आधारित सुरक्षा उपकरण विकास और फील्डब परीक्षण के लिए 3.5 करोड़ रुपये रखे गए हैं।