26/11 आतंकी हमले पर ओबामा ने शरीफ से मांगा जवाब

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को मुंबई हमला मामले की सुनवाई में लगातार हो रही देरी को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के सवालों से दो-चार होना पड़ा। मई 2013 में पीएम पद संभालने के बाद पहली अमेरिका यात्रा के दौरान बुधवार को ओबामा ने शरीफ  से पूछा कि अब तक 2008 मुंबई हमले में शामिल लोगों पर पाकिस्तानी अदालत में मुकदमा क्यों शुरू नहीं हो पाया है।

उन्होंने आतंकी संगठन जमात-उद-दावा सहित सीमापार आतंकवाद से जुड़े कई तल्ख सवाल भी शरीफ से पूछे। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान को सुरक्षा सहयोग के साथ ही आर्थिक मदद जारी रखने का भरोसा दिलाया।

ओबामा से दो घंटे की बातचीत के तुरंत बाद खुद इन बातों की जानकारी देते हुए शरीफ ने बताया कि अमेरिका ने उन्हें ड्रोन हमले बंद करने का कोई भरोसा नहीं दिया है। मुंबई हमला मामले को लेकर पाकिस्तान की सुस्ती पर भारतीय चिंताओं को ध्यान में रखते हुए ओबामा ने उनसे कई सवाल किए।

गौरतलब है कि भारत 26/11 हमलों के लिए जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद को प्रमुख मास्टरमाइंड बाताता रहा है। इस लोगों की मौत हुई थी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जमात को प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का फ्रंट घोषित कर चुकी है। शरीफ ने बताया कि भारत-पाक संबंधों के साथ ही क”मीर मसले पर भी अमेरिकी राष्ट्रपति से चर्चा हुई।

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हालांकि, शरीफ ने यह नहीं बताया कि उन्होंने कश्मीर से जुड़े किस-किस मुद्दे पर बात की और ओबामा ने क्या प्रतिक्रया दी। जाहिर है कि कश्मीर मसले पर अमेरिकी मध्यस्थता के मामले में उन्हें सफलता नहीं मिली। ओबामा प्रशासन पहले ही कह चुका है कि कश्मीर को लेकर अमेरिकी नीति में कोई बदलाव नहीं होगा। यह भारत-पाक का द्विपक्षीय मसला है।

ओबामा ने अलकायदा प्रमुख ओसामा बिल लादेन का ठिकाना ढूंढने में सीआइए की मदद करने वाले डॉ. शकील अफरीदी की पाक में हिरासत के उद्दे को भी उठाया।

मुलाकात के दौरान ओबामा ने पाकिस्तान के साथ भारत की तरह का परमाणु समझौता करने से इन्कार कर दिया है। मुलाकात के बाद साझा बयान में दोनों नेताओं ने जोर दिया कि किसी भी देश की जमीन का इस्तेमाल पड़ोसी मुल्क को अस्थिर करने वाली गतिविधियों के लिए नहीं होना चाहिए।

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