भारत की बेटी ने जिमनास्टिक वर्ल्डकप में मेडल जीतकर रचा इतिहास

नई दिल्ली : मेलबर्न में हो रहे जिमनास्टिक्स वर्ल्डकप में भारतीय खिलाड़ियों ने इतिहास कायम कर दिया है। हैदराबाद की बी. अरुणा रेड्डी ने पहली बार भारतीय जिमनास्‍ट के वर्ल्डकप में पदक जीतने का गौरव हासिल किया है। अरुणा रेड्डी ने वॉल्टिंग में कांस्य पदक जीता।

यहाँ सबसे महत्वपूर्ण बात ये भी है कि वर्ल्डकप में चार भारतीय खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं और पहली बार सबने अपने-अपने इवेंट में फ़ाइनल में जगह बनाई है। भारत की अरुणा रेड्डी ने वॉल्ट में 13.649 अंक हासिल कर कांस्य पदक अपने नाम कर लिया। इस प्रतियोगिता में स्लोवाकिया की काइस्लेफ़ ज़ासा पहले नंबर पर रहीं जबकि ऑस्ट्रेलिया की एमिली वाइटहेड ने रजत पदक जीता।

इसी प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन कर रहे उड़ीसा के राकेश पात्रा 13।733 अंकों के साथ चौथे नंबर पर रहे और पदक से चूक गए। राकेश को रविवार को पैरेलल बार्स का फ़ाइनल भी खेलना है। कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स के पदक विजेता आशीष कुमार ने वॉल्ट के फ़ाइनल में जगह बनाई। आशीष रविवार को वॉल्ट के फ़ाइनल में खुद को आज़माएंगे।

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जबकि अरुणा रेड्डी फ़्लोर एक्सरसाइज़ेज़ में प्रतियोगिता में उतरेंगी। अरुणा के साथ वॉल्ट में उड़ीसा की प्रणति नायक ने भी फ़ाइनल में जगह बनाई। लेकिन वे फ़ाइनल में 13.416 अंकों के साथ पांचवें नंबर पर रहीं। वो अरुणा से 0.233 अंक पीछे रहीं।

गौरतलब है कि अरुणा रेड्डी कराटे ट्रेनर और पूर्व ब्लैक बेल्ट खिलाड़ी भी रही हैं। साल 2005 में रेड्डी ने जिमनैस्टिक्स में पहला नैशनल मेडल जीता था। इसके बाद 2014 कॉमनवेल्थ खेलों में रेड्डी क्वॉलिफिकेशन राउंड के दौरान 14वें स्थान पर रही थीं। एशियन गेम्स में वह नौवें स्थान पर थीं और साल 2017 में हुई एशियन चैंपियनशिप में अरुणा ने अपना वॉल्ट छठे स्थान पर फिनिश किया था।

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