- April 24, 2013
- By आज की आवाज़ टीम
- in राष्ट्र
स्त्री के चरित्र का एक ही अर्थ होता है बस कि स्त्री पुरूष से बंधी रहे, चाहे पुरूष कैसा भी हो चाहे वो गलत ही क्यों न कहे या करे। हमारे शास्त्रों में इसकी बढ़ी प्रशंसा की गई है कि अगर कोई पत्नी अपने पति को बूढ़े, मरते, सड़ते,...
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