- February 21, 2014
- By आज की आवाज़ टीम
- in बिहार और झारखण्ड
झारखंड गठन के साथ ही यहां स्थानीयता का सवाल एक ज्वलंत मुद्दा बनकर उभरा, आंदोलन हुई, जिसमें कई लोगों की जानें भी गई। इस आंदोलन ने झारखंडी और गैर-झारखंडी, भीतरी और बाहरी तथा आदिवासी और गैर-आदिवासियों के बीच गहरा खाई खोद दिया।
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