एक कहावत है कि कहने पर ‘धोबी’ गधे पर नहीं बैठता। यह कितनी प्रासंगिक है जिसे मै अब अच्छी तरह महसूस करने लगा हूँ। वर्षों पूर्व एक साप्ताहिक समाचार-पत्र का प्रकाशन करता था, कतिपय कारणों से उसे बन्द करना पड़ा। जब उक्त का नियमित प्रकाशन हो रहा था- तब...

Read More