27 सितम्बर 1893 को स्वामी विवेकानंद ने शिकागो धर्म सम्मेलन में आध्यात्मिक उद्बोधन देकर आत्मतत्व को परिभाषित किया था, जो कालजयी संभाषण था। ठीक 121 वर्षोपरान्त 27 सितम्बर 2014 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को सम्बोधित किया, यह मात्र सुखद संयोग ही कहा जा सकता है,...

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