साईं ट्रस्टस के खिलाफ कोर्ट जाने पर विचार कर रहे हैं शंकराचार्य

हरिद्वार : शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के उत्तराधिकारी व शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि जिस तरह से साईं ट्रस्ट ‘साईं’ के साथ ‘राम’ व ‘शिव’ के नाम जोड़ रहा है और साईं के साथ ‘मंदिर’ शब्द का उपयोग कर रहा है, उसके खिलाफ वे कोर्ट जाने पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे हिन्दू धर्मों के शब्दों का उपयोग कोई और न करें, इसके लिए वे अदालत में याचिका दायर करेंगे।

शंकराचार्य स्वामी ने कहा कि साईं ट्रस्ट हिन्दू-मुस्लिम एकता के नाम पर ड्रामा कर रहे हैं और पूजा के वक्त वहां पर कुछ ‘फर्जी’ मुसलमान खड़े किए जाते हैं। द्वारका शारदा पीठ और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने उनका विरोध कर रहे साईं भक्तों को चुनौती दी है कि वे शास्त्रों  के आधार पर उनसे बात करें। शंकराचार्य ने साईं पर दिए अपने बयान पर हुए बवाल के बाद दायर फौजदारी मुकदमों पर सवाल खड़े किए हैं। उन्हों ने कहा कि जो लोग उनके खिलाफ कोर्ट गए हैं, वे फौजदारी मामले में क्यों गए, जबकि उन्हें दीवानी मामले में वाद दायर करना चाहिए था।

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उन्होंने यह सवाल खड़ा किया कि अगर कल अयोध्या के राम मंदिरों में साईं की मूर्ति लगने लग जाए, तो फिर क्या होगा? उन्होंने कहा कि ऐसे तो हमारा हिन्दू धर्म पंचायती हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वे हर हाल में अपने सिद्धान्तों से पीछे नहीं हटेंगे। साईं के मामले में अब मुस्लिम समाज का भी समर्थन मिल गया है। देवबंद के दारुल उलूम वक्फ ने शंकराचार्य द्वारा साईं की पूजा न करने की बात का ही समर्थन करते हुए साईं संध्या में मुस्लिमों से न जाने और साईं संध्या में अल्लाह का नाम न लेने का फरमान जारी किया है। इस फरमान को शंकराचार्य अपने साईं सम्बन्धी बयान का समर्थन मान रहे हैं।

शंकराचार्य ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ मुकदमे अगर दीवानी के होते, तो वे अपना वकील खड़ा कर देते, पर फौजदारी होने की वजह से वांरट जारी होने पर उन्हें कोर्ट में पेश होने शिरडी जाना पड़ेगा।  अगर नहीं गए, तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार करके ले जाएगी।

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