आत्म . निर्वासन हुआ ख़तम : पाकिस्तान लौटे परवेज मुशर्रफ

पाकिस्तानी के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ तालिबान से मिल रही धमकियों की परवाह न करते हुए चार साल बाद पाकिस्तान लौट आए हैं। मुशर्रफ आने वाले 11 मई को होने वाले आम चुनावों में अपनी पार्टी आल पाकिस्तान मुस्लिम लीग का नेतृत्व करेंगे। उनका कहना है कि वह सुरक्षाए राजनीतिक और कानून से जुड़ी हर तरह की चुनौती का

सामना करने के लिए तैयार हैं। 

 

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मुशर्रफ रविवार दोपहर कराची स्थित जिन्ना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पहुंचे थे। उनके साथ 150 लोग थे जो हवाई अड्डे से बाहर आये थे, जिनमें उनकी पार्टी के समर्थकए प्रतिनिधि मंडल के सदस्य और कुछ पत्रकार भी थे। मुशर्रफ ने यह भी कहा कि चार साल बाद अपने देश वापस लौटना उनके लिए बहुत ही भावनात्मक था। उन्होंने कहा कि उनके समय से अब के समय में पाकिस्तान में बहुत से परिवर्तन हो चुके है। सुरक्षा, कानून और राजनीति से जुड़ी कई चुनौतियां हैं, जिनका सामना करने के लिए मुझे तैयार रहना है।

सैन्य अधिकारियों ने रक्षा मंत्रालय के जरिए गृह मंत्री को पूर्व सेना अध्यक्ष की सुरक्षा के सख्त बंदोबस्त करने के लिए पत्र भेजा था। मुशर्रफ की वापसी से कुछ घंटे पहले प्रशासन ने खतरे का हवाला देकर कराची में रैली को संबोधित करने की अनुमति वापस ले ली। एयरपार्ट कैंपस में प्रेस कॉन्फ्रेंस का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। मुशर्रफ इस सप्ताह के आखिर में पत्रकारों से बातचीत करेंगे।सुरक्षा कारणों से यह फैसला लिया गया। इस्लामाबाद रवाना होने से पहले मुशर्रफ दो दिन कराची में ही रहेंगे।

मुशर्रफ का इरादा 11 मई से होने वाले वहां के आम चुनाव में हिस्सा लेना है। पाकिस्तान में हत्या के दो मामलों में उनके खिलाफ गिरफ्तारी के वारंट जारी किए जा चुके हैं। हालांकि हाल ही में उन्हें इन मामलों में अग्रिम जमानत मिल चुकी हैए लेकिन चुनावी राजनीति में खास कामयाबी न मिलने की अटकलों को बीच हर कोई जान और समझ रहा है कि मुशर्रफ जिस रास्ते पर लौट रहे हैं उस रास्ते पर उनके लिए कठिनाइयां बहुत हैं। ऐसे में उनके वतन वापसी पर हर कोई सवाल खड़ा कर रहा है।

दिल्ली में पैदा हुए मुशर्रफ ने कहा कि देश की दशा देखकर मेरी आंखों में आंसू आ जाते हैं। मैं पूछता हूँ कि वह पाकिस्तान कहां है, जिसे मैं छोड़कर गया था। अब मेरी पार्टी का स्लोगन होगा- सेव पाकिस्तान।

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