SC/ST 1000 सालों से पिछड़े, प्रमोशन में आरक्षण जरूरी : अटॉर्नी जनरल

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में आज अर्टानी जनरल के.के वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार चाहती है कि सरकारी नौकरी में SC/ST कर्मचारियों को 22.5 फ़ीसदी पदों पर प्रमोशन में भी आरक्षण मिले और इस तरह से SC/ST के प्रतिनिधित्व में समुचित वृद्धि होगी।

सुप्रीम कोर्ट में आज सरकारी नौकरी में मिलने वाले आरक्षण को लेकर सुनवाई की गयी। इस दौरान पांच जजों की पीठ ने सुनवाई करते हुए सरकार से पूछा कि SC/ST आरक्षण के मुद्दे पर अपने 12 साल पुराने फैसले पर समीक्षा क्यों नहीं की।

इस सवाल के जवाब में सरकार की तरफ से अर्टानी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि साल 2006 का एम. नागराज फैसला SC/ST को प्रमोशन में आरक्षण देने में बाधा बन रहा है।

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साथ ही अर्टानी जनरल ने कहा कि जब एक बार किसी शख्स को एससी-एसटी के आधार पर नौकरी मिल जाती है तो फिर प्रमोशन में आरक्षण के लिए एक बार फिर से डेटा की क्यों जरूरत पड़ जाती है। हालांकि SC/ST वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण मिलना चाहिए या नहीं मैं इसपर कोई भी टिप्पणी नहीं करुंगा लेकिन इन लोगों ने पिछले 1000 साल से अत्याचार झेला है और आज भी झेल रहे हैं। ऐसे में इसमें हमें विचार करने की सख्त जरूरत है।

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 2006 के नागराज के फ़ैसले के मुताबिक SC/ST को प्रमोशन में आरक्षण सरकार तभी दे सकती है, जब यह बात निकलकर सामने आए की उनका प्रतिनिधित्व कम है।

इसपर प्रतिक्रिया देते हुए अर्टानी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार चाहती है कि सरकारी नौकरी में SC/ST कर्मचारियों को 22.5 फ़ीसदी पदों पर प्रमोशन में भी आरक्षण मिले और इस तरह से एससी-एसटी के प्रतिनिधित्व में समुचित वृद्धि होगी।

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