प्रोफेसर को अवैध हिरासत में रख फंसा प्रशासन

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने फैजाबाद मण्डल के आयुक्त को दिये कर्यवाही के निर्देश। सीजेएम कोर्ट ने भी किया जिला प्रशासन को तलब

लखनऊ : लोकसभा चुनाव में सेक्टर मजिस्ट्रेट बनाए गए अम्बेडकर नगर के रमाबाई राजकीय महिला डिग्री काॅलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅक्टर अखिलेन्द्र प्रताप सिंह के मामले में जिला प्रशासन बुरी तरह फंस गया है। अनुसूचित जाति आयोंग के लखनऊ कार्यालय से उक्त मामले में फैजाबाद मण्डल के आयुक्त को नोटिस जारी कर कर्यवाही के निर्देश दिए गए है। उधर सीजेएम कोर्ट ने भी जवाब मांगा है। डाॅक्टर अखिलेन्द्र प्रताप सिंह का अरोप है कि उनको अवैध रूप से हिासत में लेकर प्रताडि़त किया गया और झूंठे अरोप लगा कर जिला प्रशासन ने उनको जेल भेज दिया।

डाॅ अखिलेन्द्र ने बताया कि 19 अप्रेल को अम्बेडकरनगर के जिलाधिकारी श्री विवेक कुमार द्वारा बैठक बुलाई गयी थी जिसमें चुनाव से सम्बन्धित अधिकारी कर्मचारी बैठक में उपस्थित थे। जिलाधिकारी द्वारा सम्बन्धित जोनल, सेक्टर मजिस्ट्रेटों एवं कर्मचारियों से अपने-अपने क्षेत्रों चुनाव सम्बन्धी कार्यों को लेकर दिशा निर्देश दिए गए थे।

बैठक के दौरान  सेक्टर मजिस्ट्रेट बनाए गए अम्बेडकर नगर रमाबाई राजकीय महिला डिग्री काॅलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅक्टर अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने अपनी बात रखते हुए जिलाधिकारी से कहा कि  ‘‘आने-जाने हेतु कन्वेंश की क्या व्यवस्था होगी’’, यह सुनते ही अपर जिलाधिकारी राममूर्ति मिश्रा द्वारा सेक्टर मजिस्टेªट अखिलेन्द्र प्रताप सिंह को अपमानित कर डांटते हुए बैठा दिया।

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इस पर श्री सिंह ने  कहा कि ”सर बात आराम से भी कही जा सकती है हमलोग भी क्लास-वन हैं, और लोक सेवा आयोग से चयनित होकर आये हैं, इस तरह अपमानित करना उचित नहीं है”। यह सुनते ही अपर जिलाधिकारी एवं जिलाधिकारी द्वारा प्रोफेसर से अभद्र व्यवहार करते हुए यह कहा गया कि तुम बहुत नेतागीरी कर रहे हो हम तुम्हें ठीक कराते हैं और उन्होने अपमानित करते हुए अपने गनरों से कहकर बैठक से बाहर करा दिया।

रात में प्रोफेसर को किया गिरफ्तार
डाॅ अखिलेन्द्र सिंह ने बताया कि उन्हें उसी रात को 10.40 बजे एफआईआर करा दी गयी। जिलाधिकारी ने गाली देते हुए अपमानजनक जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया पुलिस को बुलाकर गिरफ्तार करा दिया और रात भर पुलिस द्वारा उत्पीड़न किया गया।

हाईकोर्ट से मिली जमानत फिर भी रखा हिरासत में
डाॅक्टर अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट से जमानत मंजूर होने के तुरन्त बाद पुलिस ने शांन्तिभंग धारा 151 आदि के आरोप में चालान कर दिया। इसमें भी एसडीएम ने जमानत पर रिहा किए जाने व एक एक लाख रूपए जमानत राशि व निजी मुचलका पेश किए जाने पर भी डाॅक्टर अखिलेन्द्र को रिहा नहीं किया गया। और उनको अवैघ हिरासत में रखा गया। इसके बाद 23 अप्रेल शाम को रिहाई हो सकी।

फंसा प्रशासन
डाॅक्टर अखिलेन्द्र प्रताप सिंह मामले पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोंग के लखनऊ कार्यालय से उक्त मामले आयुक्त फैजाबाद मण्डल को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के निदेशक तरूण खन्ना ने नोटिस जारी कर तलब किया है और 10 अप्रेल तक कार्यवाही से अवगत कराने का निर्देश दिया है। उधर सीजेएम कोर्ट ने भी जवाब मांगा है। और 9 अप्रेल तक जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।

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