बेबुनियाद है नेताओं के बयान, कपड़े नहीं घिनौनी मानसिकता है बलात्कार का कारण

अक्सर हमारे देश में ये देखा जाता है कि जहाँ कहीं भी बलात्कार की घटना हुई, उसके बात नेताओं की तरफ से झूठे आश्वासन के साथ एक ही बयान सुनने को मिलता है कि लड़कियां कपड़े सही से पहने, अब इन समझदार नेता से कोई ये तो पूछे कि क्या मुंबई में जिसका बलात्कार हुआ वो बिना कपड़ो के अपना काम कर रही थी, और सिर्फ एक लड़की की ही बात क्यों की जाए, क्या देश में जितनी भी लड़कियों के साथ बलात्कार होता हैं वो बिना कपड़ों के रहती हैं।

आज फिर ऐसा ही शर्मशार करने वाला ब्यान हमारे देश के नेता कहे जाने वाले समाजवादी पार्टी (एसपी) के सांसद नरेश अग्रवाल आपत्तिजनक बयान दे डाला है। उन्हों ने कहा कि सिर्फ कड़े कानून से रेप की घटनाओं पर काबू नहीं पाया जा सकेगा। इसके लिए कई अन्य उपाय करने होंगे। नरेश अग्रवाल ने कहा कि रहन-सहन और कपड़े किस तरह के होते हैं, यह भी देखना पड़ेगा। वहींए आरजेडी के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि लड़कियों को पुलिस को बताकर कर रिमोट एरिया में जाना चाहिए।

इससे पहले दिल्ली गैंगरेप के बाद भी आपत्तिजनक और दकियानूसी बयानों का पूरा सिलसिला चला था। अभी खुद रेप के आरोपों में घिरे आध्यात्मिक गुरु आसाराम ने कहा था। अगर लड़की अपराधियों का हाथ पकड़कर उन्हें भैया कहकर संबोधित कर देती, तो शायद वह बच सकती थी।

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी एक बार बढ़ती आबादी को रेप का जिम्मेदार बता चुकी हैं। मध्य प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी महिलाओं को मर्यादा का उपदेश दे चुके हैं। आरएसएस भी कह चुका है कि रेप के मामले गांवों के मुकाबले शहरों में ज्यादा होते हैं। राष्ट्रपति के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने भी दिल्ली गैंगरेप के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान महिलाओं को ‘डेंटेड-पेंटेड’ कहकर फब्ती कसी थी।

ऐसे बलात्कार की घटनाओं को लेकर देश के नेताओं को कपड़ों को लेकर दिए जाने वाले बेबुनियादी लगते है, क्योकि कपड़ों को लेकर ब्यान देने वाले ये नहीं जानते कि दोष बलात्कार का शिकार होने वाली महिलाओं के कपड़ों में नहीं, बल्कि मर्द कहे जाने वाले उन नामर्दों कि मानसिकता में है, जो कि एक अकेली बेबस लड़की को अपनी घिनौनी हवस का शिकार बनाते हैं।

 

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