भारत-अमेरिका परमाणु समझौते को लेकर चिंतित हुआ पाकिस्तान

भारत-अमेरिका के बीच परमाणु समझौते को लेकर पाकिस्तान चिंतित दिखाई दे रही है। क्योकि पाकिस्तान ने यह कहा है कि इस समझौते से क्षेत्रीय स्थिरता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज ने मंगलवार को कहा है कि पाकिस्तान अपने राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की हिफाजत करने का अधिकार सुरक्षित रखता है। अजीज ने कहा कि राजनीतिक और आर्थिक फायदे के लिए भारत-अमेरिका परमाणु समझौते के क्रियान्वयन से दक्षिण-एशिया की स्थिरता पर हानिकारक प्रभाव पड़ेगा। अजीज के मुताबिक पाकिस्तान-अमेरिका के साथ अपने रिश्तों को महत्व देता है और दक्षिण-एशिया में रणनीतिक स्थिरता और संतुलन के लिए रचनात्मक भूमिका अदा करने की उम्मीद करता है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता पर अमेरिका के समर्थन के बाद पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता का विरोध किया।

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अजीज के मुताबिक, ‘जम्मू एवं कश्मीर विवाद जैसे अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के मामलों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के उल्लंघन के लिए उत्तरदायी भारत को सुरक्षा परिषद में विशेष दर्जा मिलने का सवाल ही नहीं उठता।’ पाकिस्तान ने भारत को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) का सदस्य बनाए जाने के सुझाव का भी विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान हमेशा से चयनात्मकता और भेदभाव कि नीतियों के खिलाफ रहा है। पाकिस्तान गैर-एनपीटी (परमाणु अप्रसार संधि) देशों के साथ असैन्य परमाणु सहयोग और उनकी एनएसजी सदस्यता के खिलाफ नहीं है, लेकिन उन्हें गैर भेदभाव के सिंद्धांतों और परमाणु अप्रसार के उद्देश्य पर आधारित होना चाहिए।

गौरतलब है कि भारत- अमेरिका के बीच छह साल पहले हुए असैन्य परमाणु समझौते के क्रियान्वयन कि दिशा में सफलता सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई बातचीत में प्राप्त हुई। ओबामा भारत के तीन दिवसीय दौरे पर आए थे, और उनका दौरा मंगलवार को समाप्त हुआ।

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