चुनावी दौर में सुलग रहा कोयला, फाइलें गायब होने पर विपक्ष के घेरे में सरकार

 

 

 

 

चुनावी दौर में विपक्ष ने कोयले को सुलगाये रखने पर पुरा जोर दे रही रही है, और इस सुलगते कोयले की आग  विपक्ष अब कांग्रेस पर भी डाल रही है। कोयला ब्लॉक आवंटन से जुड़ी फाइलों के राज्यसभा में भाजपा ने प्रधानमंत्री पर जोरदार हमला बोला है।

फाइलें गायब होने पर गरमाई राजनीति और संसद में जबरदस्त हंगामे के बाद सरकार ने सभी विभागों को आनन-फानन फाइलें खोजने का आदेश दे दिया है। सरकार ने इस्पात, ऊर्जा, कानून, व न्याय औं औधोगिक

नीति व संवर्द्धन विभाग सहित सभी संबंअधित विभागों को फाइलें ढूंढने के काम पर लगा दिया है। इस शोरशराबे में विधेयक को लोकसभा से पारित कराने की सरकारी तैयारियों पर पानी फिर गया है।

 प्रधानमंत्री के जवाब पर विपक्ष के हंगामें के बाद मंगलवार को दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरूण जेटली ने इस मसले पर प्रधानमंत्री से सदन में आकर बयान देने की मांग की। वही, संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ और राजीव शुक्ला ने साफ कहा कि बयान प्रधानमंत्री नहीं कोयला मंत्री देंगे।

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कांग्रेस के करीबियों को आवंटित कोयला ब्लाॅग से जुड़ी 147 फाइलें गायब होने के मुद्दे पर मंगलवार को दोनों सदन नहीं चल सके। सरकार चाहती थी कि उसका सबसे बड़ा सियासी ट्रंप कार्ड खाद्य सुरक्षा विधेयक राजीव गांधी के जन्मदिन पर लोकसभा से पारित हो जाए, लेकिन भाजपा ने गायब फाइलों के मुद्दे पर जोरदार हंगामा कर कांग्रेस की कोशिशों पर पानी फेर दिया ।

लोकसभा में तो सुषमा स्वराज ने पीएम पर धावा ही बोल दिया। उन्होंने कहा कि आवंटन में पहले सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश रिपोर्ट फेरबदल हुआ था, जिसमें कानून को कुर्सी गंवानी पड़ी। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि सीबीआई को सभी फाइलें दी जाएं तब इससे जुड़ी कई फाइलें गुम हैं। गायब फाइलों से कोई न कोई कांग्रेस नेता जुड़ा है। पीएम के बयान की मांग को संसदीय कार्यमंत्री ने नकारते हुए जायसवाल के बयान की बात कही, लेकिन विपक्ष नहीं मान रही है।

 

 

 

 

 

 

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